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कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रसव संबंधी सेवाओं में बढ़ायी गयी सतर्कता

प्रसव सेवाओं को सुगम संचालन सुनिश्चित कराने के लिये एहतियाती उपायों पर जोर

अररिया(बिहार)कोरोना संक्रमण का बड़ा खामियाजा सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चुकाना पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान इलाज के लिये अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित कमी देखी गयी तो इस दौरान प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिये विवश होना पड़ा। जिले में कोरोना संक्रमण का मामला फिर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए लोगों को ऐसी चिंताएं फिर सताने लगी है। हालांकि इस बार जिला स्वास्थ्य विभाग अपने पूर्व के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस चुनौतीपूर्ण समय का सख्ती से मुकाबला करने के लिये प्रतिबद्ध दिखता है। इसे लेकर कई स्तरों पर जरूरी तैयारियां की गयी हैं ताकि विपरित परिस्थितियों में भी मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से संचालित की जा सके।

विशेष एहतियाती उपायों पर हो रहा अमल: अस्पताल प्रबंधक
संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष व इसके आस-पास एहतियाती उपायों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सदर अस्पताल के प्रबंधक विकास आनंद ने कहा हम पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। प्रसव के लिये पहुंचने वाली महिलाओं की स्वास्थ्य जांच प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करायी जा रही है। कुछ एक महिलाएं जो प्रसव पीड़ा के कारण जांच केंद्र पहुंच कर अपनी जांच कराने में असमर्थ होती हैं उनका ऑन बेड जांच किये जाने की व्यवस्था की गयी है। प्रसव पीड़िता के साथ आने वाले अटेडेंट की संख्या को सीमित कर दिया गया है। ताकि प्रसव कक्ष में अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचा जा सके। मरीज के साथ अधिक से अधिक दो लोगों को ही प्रसव कक्ष में प्रवेश की अनुमति है। सुरक्षा कर्मियों को भी इसके लिये खास तौर पर निर्देशित किया गया है। दो स्तरों पर जांच का इंतजाम किया गया है।प्रसव कक्ष में प्रवेश से पूर्व व बाद में मरीज व उनके साथ आने वाले परिजनों की जांच की जा रही है। प्रसव के लिये अस्पताल में भर्ती होने के बाद अगर किसी मरीज को बुखार या कोरोना संबंधी किसी तरह का कोई अन्य लक्षण दिखता है तो तत्काल उनका रैपिड टेस्ट कराया जा रहा है।

जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य व सुरक्षा के प्रति विभाग प्रतिबद्ध: अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया प्रसव कक्ष में प्रतिनियुक्त कर्मी के साथ-साथ आने वाले मरीजों को भी नियमित अंतराल पर हाथों की सफाई, नियमित रूप से मास्क का उपयोग व जहां तक संभव हो शारीरिक दूरी को ध्यान में रखने का निर्देश दिया गया है। प्रसव कक्ष में
ऑटोमेटिक सैनिटाजिंग मशीन लगायी गयी है। नियमित रूप से इसका औचक निरीक्षण भी किया जाता है। ताकि संक्रमण से जुड़ी किसी भी चुनौती का सख्ती से मुकाबला किया जा सके। प्रसव कक्ष के सभी कर्मी कुशल रूप से प्रशिक्षित हैं। विपरित समय में अपने कार्य व दायित्व के सफल निवर्हन को लेकर उनका पुराना अनुभव है। लिहाजा संक्रमण के इस मुश्किल दौर में अस्पताल में प्रसव संबंधी सेवाओं को लेकर लोगों के मन में किसी तरह की आशंका बेकार है। पूरा स्वास्थ्य परिवार जच्चा-बच्चा के संपूर्ण स्वास्थ्य व सुरक्षा के साथ-साथ उनके बेहतर देखभाल को लेकर प्रतिबद्ध है।