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पुरातन विज्ञान के भारतीय मूल्यों की पोषक है नई शिक्षा नीति- प्रो. आर.सी. कुहाड़


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हकेवि में ‘विज्ञान, तकनीक और नवाचार का भविष्यः शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव‘ विषय पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित
विशिष्ट अतिथि के रूप में आईआईटी, कानुपर के प्रो. ए.के. अग्रवाल और एडनबर्ग विश्वविद्यालय, यूके के प्रो. ब्रूस वाइट लॉ ने किया संबोधित
आनॅलाइन पेंटिंग व भाषण प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन

महेंद्रगढ़(हरियाणा)नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. सी.वी. रमन की याद में रविवार 28 फरवरी को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय में विज्ञान दिवस पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम का विषय ‘विज्ञान, तकनीक और नवाचार का भविष्यः शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव‘ रहा। इस आयोजन की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने की जबकि कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आईआईटी, कानुपर के प्रो. ए.के. अग्रवाल और रॉसलिन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और चेयर ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी, एडनबर्ग, यूके के डायरेक्टर प्रो. ब्रूस वाइट लॉ ने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने इस अवसर पर विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में जारी बदलावों पर प्रकाश डालते हुए भविष्य के लिए शिक्षा, कौशल विकास और कार्यक्षेत्र के स्तर पर सकारात्मक बदलवों के लिए प्रयास करने हेतु युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। कुलपति ने कहा कि भारतीय पुरातन काल से ही विज्ञान के मामले में समृद्ध रहे हैं। रामायाण, महाभारत सरीखे भारतीय पौराणिक ग्रंथों में इसके प्रमाण देखने को मिलते हैं तथा नई शिक्षा नीति भी अपने उसी ज्ञान को समाहित किए हुए है जो कि अतीत की विरासत को संजोते हुए भविष्य की राह दिखाती है।

कुलपति ने इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए भारतीय विज्ञान और उसके महत्त्व पर गहराई से प्रकाश डाला। पतंजलि, चरक संहिता, योग, आयुर्वेद में वर्णित वैज्ञानिक दृष्टिकोण को व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने बताया कि हम भारतीय किस तरह से विज्ञान के मोर्चे पर हजारों वर्षों से पथ प्रदर्शक रहे हैं। कुलपति ने हनुमान चालिसा के जुग सहस्र योजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू के माध्यम से बताया कि उस दौर की गणितीय गणना का वर्णन किया। प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने इस अवसर पर सात सूत्रों के माध्यम से भविष्य की राह भी दिखाई। पहला वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास, दूसरा समाज उपयोग रिसर्च पर जोर, तीसरा जनहित में अनुदान राशि का अधिकतम उपयोग, चौथा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास, पाचवां विभागीय स्तर पर वैज्ञानिक क्षमताओं का विकास, छठा विभागों के बीच आपसी समन्वय और सहयोग विकसित करना और सातवां व सबसे प्रमुख नई शिक्षा नीति में वर्णित वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ भारतीय मूल्यों का विकास और विद्यार्थियों के कौशल विकास को बढ़ावा देना। प्रो. कुहाड़ ने विज्ञान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों को शामिल करने पर आयोजकों को बधाई दी और विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त विचारों की सराहना की और उन्हें युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बताया।
आयोजन में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित आईआईटी, कानपुर के प्रो. ए.के. अगवाल ने फ्यूचर प्रोसपेक्ट ऑफ ग्रीन एंड एन्वायरमेंट फ्रेंडली मेथेनॉल इकोनॉमी विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत सहित विश्व में बढ़ती वैकल्पिक ऊर्जा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से मेथेनॉल के माध्यम से इस चुनौती का समाना किया जा सकता है। उन्होंने इस विषय में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया और कहा कि यह वह माध्यम है जिसकी उपलब्धता से ऊर्जा संकट के साथ-साथ पर्यावरणीय समस्याओं का निदान भी संभव है। इसी कड़ी में रॉसलिन इंस्टीट्यूट ऑफ चेनस चेयर ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी, एडनबर्ग, यूके के डायरेक्टर प्रो. ब्रूस वाइट लॉ ने कंट्रीब्यूशन ऑफ जिनोम एडिटिंग टू फ्यूचर लिवस्टॉक हेल्थ विषय पर उनके द्वारा जारी शोध पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से हम उल्लेखनीय बदलावों की ओर अग्रसर हैं।
विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सतीश कुमार व प्रो. दीपक पंत ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं में विज्ञान के प्रति रूचि को बढ़ाना रहा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रभाव के चलते यह आयोजन सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें भारी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए। उन्होंने इस आयोजन में शामिल सभी समिति सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बीच इस आयोजन के माध्यम से हम अपने उद्देश्य को पाने में सफल रहे। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर ऑनलाइन आयोजित भाषण व चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें भाषण प्रतियोगिता में कॉलेज स्तर पर आसनसोल की आकांक्षा ने तृतीय, पानीपत के जितेंद्र ने द्वितीय तथा राजकीय महाविद्यालय, बहादुरगढ़ के कमल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्कूल श्रेणी में यदुवंशी स्कूल की आस्था ने तृतीय, सेहलंग के मोहित ने द्वितीय तथा आरपीएस के दीपांशु ने ¬प्रथम स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय स्तर पर पत्रकारित एवं जनसंचार की छात्रा एनाजोन्स तृतीय, राजनीति विज्ञान विभाग के बृजेश द्वितीय तथा स्नातक पाठ्यक्रम की छात्रा निमिषा प्रथम स्थान पर रहीं। इसी तरह चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नांगलचौधरी के सुमित कुमार को द्वितीय, लेंडमार्क इंटरनेशनल स्कूल के देवांश जांगड़ा को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। महाविद्यालय श्रेणी में राजकीय महाविद्यालय, बहादुरगढ़ की पूजा को तृतीय स्थान, छाजूराम मेमोरियल कॉलेज, हिसार की प्रमिला को द्वितीय स्थान व राजकीय महिला महाविद्यालय, फरीदाबाद की अंजलि को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह विश्वविद्यालय श्रेणी के अंतर्गत हकेवि के रसायन विज्ञान विभाग की वैशाली का तृतीय, विद्युत अभियांत्रिकी के अक्षत कांत को द्वितीय और रसायन विज्ञान विभाग की वंशिका हंडूजा को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दीपक पंत ने दिया।