तंबाकू से कैंसर का खतरा, कोटपा कानून की जानकारी दी
सिवान(बिहार)विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों ने तंबाकू नहीं खाने की शपथ ली। सभी ने कहा कि जीवन में कभी तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और न ही किसी को इसके लिए प्रेरित करेंगे। इसी तरह जिले के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में भी शपथ ग्रहण समारोह हुआ।

सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि तंबाकू सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। खासकर कम उम्र के बच्चों में इसकी लत तेजी से बढ़ रही है। इसलिए हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान और सरकार द्वारा बनाए गए कानून कोटपा की जानकारी देना है। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसका उल्लंघन करने पर कोटपा 2003 के तहत कार्रवाई होती है। इसमें ₹200 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

प्रभारी एनसीडीओ डॉ ओपी लाल ने कहा कि तंबाकू सेवन कई बीमारियों की जड़ है। खासकर फेफड़ों की बीमारी, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, एम्फिसेमा और सांस की नली का कैंसर धूम्रपान से होता है। दुनिया में फेफड़े के कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। इसका मुख्य कारण अत्यधिक धूम्रपान है। खैनी, जर्दा, पुड़िया और पीली पत्ती जैसे तंबाकू उत्पादों से मुंह का कैंसर होता है। इन बीमारियों से बचने का सबसे बड़ा उपाय तंबाकू का पूरी तरह त्याग है।

उन्होंने बताया कि कोटपा कानून के तहत धारा 4 में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर ₹200 का जुर्माना है। धारा 5 के तहत तंबाकू के विज्ञापन पर 1 से 5 साल की सजा और ₹1000 से ₹5000 तक जुर्माना है। धारा 6 के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू बेचने पर ₹200 का जुर्माना है। धारा 7 के तहत बिना चेतावनी वाले तंबाकू उत्पाद बेचने पर 2 से 5 साल की सजा और ₹1000 से ₹10000 तक जुर्माना हो सकता है।

शपथ ग्रहण समारोह में डॉ ओपी लाल, डॉ अरविंद कुमार, विशाल कुमार सिंह, डॉ अहमद अली, कामरान अहमद, मनोज कुमार, इमामुल होदा, मनीष कुमार, डॉ श्रेया, डॉ अंशु कुमार सिंह, प्रणव सिंह, आनंद वर्मा और जीएनएम स्टाफ मौजूद रहे।