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किशनगंज जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए चलायी जा रही है जननी सुरक्षा योजना

  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है लक्ष्य
  • ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 तथा शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 की मिलती है राशि
  • योजना का लाभ दिलाने में आशा निभाती हैं महत्वपूर्ण कड़ी

किशनगंज(बिहार)जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराई जाती है। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं । अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना का भी लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। उन्हें संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद की जाती है। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है।

योजना का लाभ दिलाने में आशा निभाती हैं महत्वपूर्ण कड़ी :
जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलाने के लिए आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की पहचान से लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने और उन्हें जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने तक की सभी औपचारिकता पूरी करती हैं। संस्थागत प्रसव के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर संभव आवश्यक जानकारियां व सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं।

क्या कहते हैं सदर अस्पताल किशनगंज के आंकड़े:
1 अप्रैल 2020 से 31 अक्टूबर 2020 तक सदर अस्पताल में 1713 ग्रामीण महिलाओं का प्रसव हुआ। जिसमें जननी सुरक्षा योजना के तहत सभी महिलाओं का बीएमएफएस के माध्यम से 23 लाख 98 हजार 2 सौ खाता में ट्रांसफर किया गया। शहरी क्षेत्र के 1268 गर्भवती महिलाओं का प्रसव सदर अस्पताल में हुआ। जिसमें सभी महिलाओं के खाते में कुल 12 लाख 68 हजार भुगतान किया गया। 11 आशा को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5 लाख ,61 हजार रुपए का भुगतान किया गया।

जननी सुरक्षा योजना के आर्थिक लाभ:
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशाओं को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रुपये आशाओं को दिए जाते हैं। इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है।

जननी सुरक्षा योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी दस्तावेज:
जननी सुरक्षा योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी को आधार कार्ड, एमसीपी कार्ड की छाया प्रति, वोटर आईडी कार्ड, सरकारी अस्पताल द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र, महिला के बैंक अकाउंट नंबर की आवश्यकता होती है।

सर्दियों में गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य का रखें विशेष ख्याल:
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। उन्हें अपने स्वास्थ्य एवं गर्भस्थ शिशु के सफल विकास के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपने खान-पान का अच्छे से ख्याल रखना पड़ता है। क्योंकि इस समय ठंड लगने खांसी-जुकाम इंफेक्शन जैसी समस्याओं का खतरा ज्यादा हो जाता है। ऐसे में गर्भवती महिला को अपनी देखभाल में थोड़ी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए । इससे गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को नुकसान होने की संभावना बन जाती है। इसके मद्देनजर निकट के सभी सरकारी अस्पतालों में समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध है। जरूरी पड़ने पर अस्पतालों में डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। इस दौरान टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। निरंतर चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए ।

योजना से गर्भवती को लाभ:
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , सदर अस्पताल में इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ उनके बेहतर प्रसव प्रबंधन का भी ख्याल रखा जाता है। जिसमें निम्न सुविधाएं शामिल हैं :-

  • सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
  • निःशुल्क दवा की व्यवस्था
  • गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था
  • प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
  • नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण हेतु शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था एवं साथ ही साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।