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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भगवानपुर में किसान चौपाल का आयोजन

भगवानपुर हाट(सीवान)कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा प्रखंड क्षेत्र के बड़कागांव में “कम लागत प्राकृतिक खेती” विषय पर किसान चौपाल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी द्वारा किया गया।उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान खेती में लागत को घटा सकते हैं।प्राकृतिक खेती में पोषक तत्व के रूप में गोबर की खाद, कंपोस्ट, जीवाणु खाद, फसल अवशेष और प्राकृतिक में उपलब्ध खनिज तत्व जैसे राक, सल्फेट, जिप्सम आदि द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं।

प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध जीवाणुओं मित्र कीट और जैविक कीटनाशक द्वारा फसल को हानिकारक जीवाणुओं से बचाया जाता है। हमें किसी प्रकार की रसायनिक वह किटनाशक का प्रयोग नहीं करना है ,सभी को प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी गई।डॉक्टर हर्षा बी आर विषय वस्तु विशेषज्ञ द्वारा जीवामृत घनामृत बनाने की विधि बताया गया। वीजामृत बनाने के लिए स्थानीय गाय के गोबर (5 किग्रा ) गोमूत्र (5 लीटर) चूना (50ग्राम) पानी (20 लीटर) और खेत की मेड से ली गई मुट्ठी भर मिट्टी के साथ बनाया जाने वाला बीज उपचार सूत्र हैं ।

बीजामृत तैयार कर बीज का शोधन करते हैं। जीवामृत की मदद से मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि बढ़ जाती है।एक एकड़ जमीन के लिए 200 लीटर जीवामृत मिश्रण की आवश्यकता होती है ।श्री अरुण कुमार लैब टेक्नीशियन द्वारा मिट्टी की जांच लेने का तरीका को विस्तृत जानकारी दी गई ।फॉर्म फेस के सीएमडी मोहन मुरारी सिंह द्वारा प्राकृतिक खेती अपनाकर मिट्टी के स्वास्थ्य सुधार करने हेतु बताया गया उन्होंने फसलों के कीड़ों से बचाने के लिए वनस्पतियों की पत्तियों को काढा बनाकर उपयोग करने की सलाह दी।अंकित उपाध्याय द्वारा प्राकृतिक खेती अपनाकर स्वस्थ पौधे एवं बीज उत्पादन करने की सलाह दी गई । प्रशांत कुमार एसआरएफ द्वारा मंच का संचालन किया गया ।साथ ही साथ स्वच्छता को अपनाकर सभी को स्वस्थ रहने के लिए आग्रह किया गया।किसान चौपाल में श्री विवेक कुमार राजा बाबू राय योगेंद्र राजनाथ सिंह रीना देवी रेनू देवी राज बिहारी मीना देवी विवेक कुमार सहित कुल 110 किसानों ने भाग लिया।