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मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक परिप्रेक्ष्य विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

महेंद्रगढ़(हरियाणा)कन्नड़ संघ पुणे के कावेरी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स, पुणे ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक परिप्रेक्ष्य पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कन्नड़ संघ पुणे के अध्यक्ष कुशल हेगड़े ने सत्र की अध्यक्षता की तथा कन्नड़ संघ, पुणे की सचिव मालती कलमाड़ी विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में उपस्थित रहीं।
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित नीतियों और दृष्टिकोण निर्धारित करने व जागरूकता फैलाने में निश्चित ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद, आत्महत्या के बढ़ते मामलों, मानसिक बीमारी की पृष्ठभूमि में सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस संबंध में आयोजकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।  

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कावेरी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉलेज की विकास यात्रा एवं सम्मेलन की रूपरेखा से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कन्नड़ संघ पुणे के अध्यक्ष कुशल हेगड़े ने इस महत्त्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श के लिए सम्मेलन आयोजित करने के लिए आयोजन समिति की सराहना की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में संघ के योगदान के बारे में भी बताया। कन्नड़ संघ पुणे की सचिव मालती कलमाड़ी ने महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ पर पड़ रहे प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दें पर मुखर होना आवश्यक है। उन्होनें शरीर, मन और बुद्धि के एकीकरण पर जोर दिया। इसी क्रम में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिव्यांग अधिनियम, 2018, महाराष्ट्र के सदस्य  और महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के संस्थापक विजय कान्हेकर ने मानसिक बीमारी और मानसिक मंदता के प्रति बदलते दृष्टिकोण पर चर्चा की।

तकनीकी सत्र में मनःप्रबोध की संस्थापक अर्चना देशपांडे ने विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं जैसे वैश्विक परिप्रेक्ष्य और आर्थिक बजट, भारत में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित नीतिगत प्रावधानों, मानसिकता बदलने की आवश्यकता, समाज स्तर पर पहल के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को जमीनी स्तर पर प्रभाव पैदा करने में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। माइंड स्पा की संस्थापक दीप्ति पन्हालकर ने सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य का अभ्यास करने के बारे में अपने सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा कि सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य विकसित करने के लिए स्वयं के सोचने के पैटर्न को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
कावेरी कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. मुक्ता करमरकर ने भी बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए मानसिक शक्ति के निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ की सहायक आचार्य डॉ. सुनीता तंवर ने प्रस्तुत किया। डॉ. तंवर ने कहा कि महामारी में तनाव, अवसाद आदि जैसी समस्याएं थीं लेकिन इससे हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा अब वर्जित नहीं है। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना की। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन सफल बनाने में स्किलस्लेट फाउंडेशन, पुणे ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।