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जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा: परिवार नियोजन उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर का आयोजन

पखवाड़ा में परिवार नियोजन के अस्थायी उपायों पर दिया जायेगा बल:
छोटा परिवार सुख का आधार की अवधारणा को आम लोगों के बीच मजबूती देने का होगा प्रयास:

अररिया(बिहार)जिले की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई से जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का संचालन किया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग व केयर इंडिया के सहयोग से संचालित इस अभियान के तहत सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन के फायदे व इसे लेकर उपलब्ध विभिन्न संसाधनों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन सिविल सर्जन अररिया डॉ एमपी गुप्ता ने किया। मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज, डीपीएम रेहान अशरफ, डीटीएल केयर पर्णा चक्रवती, एफपीसी केयर अय्याज अशरफी, फेमिली प्लानिंग कोर्डिनेटर अविनाश कुमार, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, बीएम केयर नीतीश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

जिले के सर्वांगीण विकास के लिये बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी: सीएस
सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि बीते कुछ सालों में जिले के प्रजनन दर 0.2 फीसदी की मामूली गिरावट आयी है। मातृ-शिशु मृत्यु दर का अधिक होना चिंताजनक है। एनएफएचएस-5 के मुताबिक प्रति एक लाख माताओं में 131 व प्रति एक हजार में 42 नवजात की अब भी मौत हो रही है। जनसंख्या वृद्धि दर के कारण उपलब्ध संसाधनों पर लोगों का दबाव अधिक है। इसलिये लोगों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसे लेकर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है। अभियान के तहत कुल 525 महिला बंध्याकरण व 65 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित है।

जनसंख्या नियंत्रण के लोगों का जागरूक होना जरूरी: डीपीएम
बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करने के उद्देश्य से जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा को महत्पूर्ण बताते हुए डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के प्रति आम लोगों का जागरूक होना जरूरी है। इस लिहाज से दो चरणों में संचालित पखवाड़ा के तहत जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधि संचालित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन उपायों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सभी चिकित्सा संस्थानों में सभी जरूरी इंतजाम किये गये हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के लिये गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच व दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर रखने के साथ-साथ नवजात को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिये सभी जरूरी टीका लगाना अनिवार्य बताया।

छोटे परिवार की अवधारणा को मजबूती देना अभियान का मकसद: डीटीएल
अभियान की जानकारी देते हुए डीटीएल केयर पर्णा चक्रवती ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा दो चरणों में संचालित किया जा रहा है। 27 जून से 10 जुलाई के बीच जहां दंपति संपर्क पखवाड़ा का संचालन किया गया। तो 11 से 31 जुलाई तक संचालित अभियान के दूसरे चरण में जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिये कई प्रयास किये जाने हैं। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर गर्भ निरोधक सामग्री बांटी जायेगी। तो दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिये कॉपर टी, अंतरा के उपयोग के साथ-साथ योग्य दंपतियों को नियोजन के स्थायी उपायों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जायेगा। लोगों को छोटे परिवार के महत्व के प्रति जागरूक व प्रोत्साहित किया जाना है।