टीबी रोगियों के लिए टीबी आरोग्य साथी एप साबित होगा वरदान
टीबी मरीज़ों को अपनी प्रगति रिपोर्ट देखने में होगी सहूलियत:
नजदीकी डॉट सेंटर पर टीबी जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध: सीडीओ
पौष्टिक आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत दिए जाते हैं 500 रुपये: डीपीएस
पूर्णिया(बिहार)ज़िले के क्षय रोगियों के लिए टीबी आरोग्य साथी एप वरदान साबित होने वाला है। क्योंकि क्षय रोग से ग्रसित मरीज इस एप के माध्यम से अपनी प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे। एप से टीबी बीमारी से संबंधित सभी तरह की जानकारी भी ली जा सकती है। मरीज अपनी आईडी डाल कर निश्चय योजना द्वारा मिलने वाली राशि की अद्यतन स्थिति एवं खाने वाली दवा की भी विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म होगा, जहां टीबी बीमारी से जुड़ी हुई सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होगी। एप को वयावहारिक रूप में प्रयोग करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ. बी के मिश्र ने एक पत्र जारी कर राज्य के सभी अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) को दिशा-निर्देश देते हुए कहा हैं कि सभी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ कर्मी, सहयोगी संस्थाओ, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं एवं सीएचओ अपने स्मार्ट फोन (मोबाइल) में उक्त एप को डाउनलोड कर इसका उपयोग करें। संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ महमद साबिर ने बताया टीबी संक्रमण से ग्रसित मरीज़ों को कोविड-19 महामारी के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए टीबी के मरीज़ों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नजदीकी डॉट सेंटर से 2 महीने की दवा एक ही बार दी जाने वाली है।
नजदीकी डॉट सेंटर पर टीबी जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध: सीडीओ
संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) डॉ महमद साबिर ने बताया राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत पंजीकृत मरीज़ों के लिए यह डिजिटल डेटाबेस तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल की तरह कार्य करेगा। इसके अंतर्गत क्षय रोग का परीक्षण, उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंच और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त क्षय रोग से संबंधित सभी तरह की जानकारी, नजदीकी डॉट सेंटर पर टीबी जांच एवं उपचार की सुविधा, यक्षा के रोगियों के जोखिम का आकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टूल्स, पोषण से संबंधित सहायता एवं परामर्श सहित कई अन्य तरह की जानकारियां भी ली जा सकती है। जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों का उपचार एवं दवा नि:शुल्क उपलब्ध रहती है। निःशुल्क इलाज़ व दवा मिलने के कारण टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। इसीलिए टीबी रोग को रोकथाम के लिए विभिन्न तरह के उपाय किए जा रहे हैं। ताकि लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जा सके। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए जिलेवासियों को कई तरह की सावधानियां बरतने के साथ ही जागरूक भी किया जाता है।
पौष्टिक आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत दिए जाते हैं 500 रुपये: डीपीएस
टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को पोष्टिक आहार के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाने का प्रावधान है। यह राशि वैसे मरीज़ों को दिया जाता हैं जो
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत पंजीकृत हैं। सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि उनके खाते में स्थानांतरित किये जाते है। स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार का मानना है कि देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए मरीज़ों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो ताकि अगले तीन वर्षों में टीबी के मरीजों की संख्या कम से कम 90 प्रतिशत कम हो जाए।
क्षयरोग के मुख्य लक्षण:
लगातार 3 सप्ताह तक या उससे अधिक दिनों तक खांसी का रहना।
खांसी के साथ खून का आना व छाती में दर्द और सांस का फूलना।
वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।
शाम को बुखार का आना, ठंड लगना व रात्रि में पसीना आना।