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जिले में घर-घर जाकर कराई गई गर्भवती महिलाओं की गोदभराई

  • गर्भवती महिलाओं को दी गई पोषण और टीकाकरण की जानकारी
  • नियमित आशा, एएनएम व डॉक्टर से सम्पर्क में रहने का मिला सुझाव
  • मातृत्व वंदना योजना पर भी दी गई जानकारी

पूर्णियाँ(बिहार)जिले में पर हर माह की तरह इस माह भी 07 तारीख को गर्भवती महिलाओं की गोदभराई आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर कराई गई. गोदभराई में गर्भवती महिला को पोषण की पोटली उपहारस्वरूप दी गई जिसमें गुड़, चना, हरी सब्जियां, आयरन की गोलियां, ताजे फल आदि उपलब्ध थे. सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उपयोग में लेने वाले जरूरी पोषण की विशेष रूप से जानकारी दी गई. इसके साथ ही गर्भ के दौरान रखने वाले सावधानी, समय पर टीकाकरण व जांच आदि की जानकारी दी गई. लोगों के जागरूकता के लिए महिलाओं के घरों में रंगोली भी बनाई गई. गोदभराई के रस्म में आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका के साथ ही आशा व जीविका कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया. इसके साथ ही महिला पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ, पोषण अभियान के जिला समन्यवक व जिला परियोजना सहायक द्वारा विभिन्न प्रखंडों में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जाकर गोदभराई का निरक्षण भी किया गया.

नियमित आशा, एएनएम व डॉक्टरों के सम्पर्क में रहने का मिला सुझाव :
विभिन्न घरों में गोदभराई निरक्षण के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ के पूरे समय में अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम व डॉक्टरों के सम्पर्क में रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला को आपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान महिला के शरीर में बहुत बदलाव होते हैं. इसलिए बजाय घबराने या किसी टोटकों के इस्तेमाल करने के महिलाओं को डॉक्टरों, एएनएम व आशा द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करें जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की मात्रा उपलब्ध हो. पोषण के रूप में हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल आदि का इस्तेमाल करें. साफ-सफाई पर ध्यान रखें जिससे खुद के व होने वाले शिशु को स्वास्थ्य सुरक्षित रहे.

गर्भवती महिला व नवजात शिशु का टीकाकरण जरूरी :
निधि प्रिया ने कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व चार जांच के साथ ही टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखना चाहिए. प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को भी नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए. टीकाकरण शिशुओं को बहुत सी गंभीर बीमारियों से बचाकर रखता है. टीकाकरण की विस्तृत जानकारी के लिए कोई भी महिला अपने क्षेत्र के आशा या एएनएम से सम्पर्क कर सकती हैं.

प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना की मिली जानकारी :

गोदभराई के दौरान महिलाओं को सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जानकारी भी दी गई. इस सम्बन्ध में पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को शिशु होने तक तीन किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाती है. पहली किश्त 1000 रुपये दी जाती है जिसके लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में गर्भ धारण करने के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कर जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं. कम से कम 1 प्रसव पूर्व जांच करवाने पर 180 दिनों बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये एवं शिशु के जन्म के बाद उनके पंजीकरण व प्रथम चरण के टीकाकरण के बाद तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये की राशि दी जाती है.

शिशु के जन्म के बाद छः माह तक कराएँ केवल स्तनपान :
गोदभराई के दौरान महिलाओं को शिशु के स्तनपान सम्बंधित जानकारी भी दी गई. सीडीपीओ मीरा कुमारी ने कहा कि प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है. इसलिए शून्य से 6 माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए. छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है. 9 से 24 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ तीन बार अर्ध ठोस पौष्टिक आहार देना चाहिए. माँ को बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आहार की विविधता का भी ध्यान रखना चाहिए.

कोविड 19 संक्रमण के सुरक्षा नियमों पर भी हुई चर्चा: सीडीपीओ मीरा कुमारी ने महिलाओं व उनके परिवार वालों को बताया, वर्तमान समय के कोरोना काल को देखते हुए सजग रहना काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अभी तक कोरोना की वैक्सीन तैयार नही हुई है इसलिये मास्क, शारीरिक दूरी के साथ सरकार द्वारा दिये गए दिशा निर्देश के पालन करने से सुरक्षित रहा जा सकता है.