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भोजपुरी भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने कि मांग को लेकर मोतिहारी में धरना

मोतिहारी(बिहार)भोजपुरी भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने कि मांग को लेकर प्रगतिशील भोजपुरी समाज के तत्वाधान में सोमवार को एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।यह धरना मोतिहारी के कचहरी चौक पर किया गया। धरना कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राउटीष्ट सर्व समाज के प्रदेश अध्यक्ष सह सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्यासी ध्रुव नरायण प्रसाद ने कहा कि मातृभाषा ही हमारे भावनात्मक और वैचारिक अभिव्यक्ति का सुगम व सुस्पस्ट माध्यम है।

एक दिवसीय धरना में शामिल लोग

कहा कि भोजपुरी भाषा को संविधान कि आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं करने से भोजपुरी भाषी लोगों के अधिकार का हनन हो रहा है।बिहार, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के सताइस जिलों के चौदह से पंद्रह करोड़ लोगों में यह भोजपुरी भाषा मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। इस भाषा को संवैधानिक दर्जा नहीं मिलने से भोजपुरी भाषी लोग अपने को निराश महसूस कर रहे है।इन सताईसो भोजपुरी भाषी जिलों में कोई उद्योग नहीं है जिससे सत्तर प्रतिशत लोगों कि सामाजिक, आर्थिक स्थिति एकदम दयनीय स्थिति है। धरना कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में असर्फी पंडित, अधिवक्ता विनोद कुमार श्रीवास्तव, अशोक यादव, डॉ बी तिवारी, रामभजन राम, भिखारी सहनी, शिवजी राय, रामाकांत प्रसाद, यादोलाल प्रसाद, श्याम जी, शेषनाथ साह, भोला राय, सत्येंद्र प्रसाद, सुशील कुमार, अजित कुमार, सुरेश गिरी शामिल थे।