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कायाकल्प कार्यक्रम- राज्यस्तरीय टीम ने सीएचसी डंडखोरा और आजमनगर का किया निरीक्षण

स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट रही टीम
कायाकल्प कार्यक्रम के तहत स्वास्थ केंद्र में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित कराना प्रमुख : सिविल सर्जन
अस्पताल में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को मिल रहा लाभ: डीपीएम

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत मुख्य रूप से चार तरह से किया जाता है निरीक्षण: डीसीक्यूए

कटिहार(बिहार)कायाकल्प कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध मरीजों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण सुविधा की जांच के लिए दो सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डंडखोरा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आजमनगर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम में राज्य से डॉ. व्योमकेश कुमार तथा डॉ. प्रमोद कुमार शामिल थे। उनके द्वारा अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था की जांच की गई। इसमें अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकीय व्यवस्था, अस्पताल में उपलब्ध हरियाली,खुले स्थानों का संरक्षण,अस्पताल में उपलब्ध रौशनी की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, जल का संरक्षण, शौचालय की सफाई, जंक फूड प्रबंधन, स्वास्थ्य कर्मियों का टीमवर्क, स्टाफ ड्रेसकोड आदि की जांच की गई। जांच के बाद राज्यस्तरीय टीम द्वारा उपलब्ध सुविधाओं पर संतुष्टि जताई गई। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का राज्य में विश्लेषण के पश्चात ग्रेड सुनिश्चित करते हुए प्रमाणीकरण किया जाएगा। इस दौरान जिला गुणवत्ता सलाहकार यकिन (डीसीक्यूए) डॉ. किसलय कुमार सहित दोनों अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम व अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत स्वास्थ केंद्र में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित कराना प्रमुख : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि कायाकल्प कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है कि स्वच्छता को लोगों के जीवन में एक अंग के रूप में महत्वपूर्ण बनाया जाए। जिससे लोगों को स्वस्थ रहने के लिए सामान्य जीवन में ध्यान रखने योग्य सुविधाओं की विशेष जानकारी उपलब्ध हो सके। सार्वजनिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानकों को हासिल करने पर सम्बंधित अस्पताल को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। जिसके तहत सम्बंधित अस्पताल को प्रमाणपत्र व प्रोत्साहन राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है।

अस्पताल में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को मिल रहा लाभ: डीपीएम

डीपीएम स्वास्थ्य भगवान प्रसाद वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी, कर्मचारी एवं अस्पताल प्रबंधन सुधार के लिए पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। जिससे विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है। स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाली प्रबंधन के नेतृत्व में लगातार वृद्धि हो रही है। कायाकल्प न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्षम है, बल्कि जनता के व्यवहार को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे मरीजों को स्वस्थ रहने के लिए सामान्य तौर पर ध्यान रखने योग्य आवश्यक जानकारी होने के साथ अस्पताल से जल्द स्वस्थ होने में आवश्यक सहयोग मिल रहा है।

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत मुख्य रूप से चार तरह से किया जाता है निरीक्षण: डीसीक्यूए

जिला गुणवत्ता सलाहकार यकिन (डीसीक्यूए) पदाधिकारी डॉ. किसलय कुमार ने बताया कि कायाकल्प के एक्सटर्नल असेसमेंट के दौरान एक्सटर्नल कमिटी के सदस्यों द्वारा चार तरह से असेसमेंट किया जाता है। जिसमें ऑब्जरवेशन, पेशेंट इंटरव्यू, स्टाफ इंटरव्यू एवं रिकॉर्ड रिव्यु। क्योंकि प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को इन्फेक्शन, प्रीवेंशन एन्ड कंट्रोल बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हैंड वाशिंग, मूवमेंट एंड हैंड वाशिंग, टेक्नीक, इंस्ट्रूमेंट स्टरलाइजेशन सहित अन्य तकनीकी पहलुओं का विस्तारपूर्वक निरीक्षण किया गया है। साफ़-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, जीव चिकित्सा अपशिष्ट (बीएमडब्ल्यू), छः तरह से हाथों की नियमित सफ़ाई, मरीज़ों के उपचार के समय हाथों में ग्लब्स पहनने के तौर तरीक़े, कायाकल्प से संबंधित पंजी का संधारण, रक्त एवं आंख जांच सहित कई तरह की जांच की गई है। जांच से राज्य टीम संतुष्ट दिखी है। बाद में विशेष विश्लेषण के पश्चात स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित अस्पताल को कायाकल्प कार्यक्रम के तहत प्रमाणीकरण किया जाएगा।