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पूर्णिया के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के प्रयासों को बढ़ावा देने को कायाकल्प योजना की हुई शुरुआत

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी योजना
  • सामान्य अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होंगी उपलब्ध
  • बेहतर गुणवत्तापूर्ण वाले स्वास्थ्य केंद्रों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र के अलावा नकद राशि दी जाएगी

पूर्णिया(बिहार)राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधाएं व रख रखाव सहित कई अन्य तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत अब ज़िले के कई अस्पताल संवरने वाले हैं।दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी।जिसके तहत ज़िला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी,रेफ़रल अस्पताल अमौर व रूपौली,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैसा, कसबा व भवानीपुर में रख रखाव व साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए मधेपुरा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रिंस कुमार,ज़िला योजना समन्वयक गजेंद्र कुमार, सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक नवनीत कुमार के अलावा केयर इंडिया की ओर से मुरलीगंज स्वास्थ्य केंद्र के बीएम चंदन कुमार के द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का निरीक्षण किया गया। कायाकल्प योजना का उद्देश्य यह है कि सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों की दिशा में प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य सुविधाएं,स्वच्छ और स्वास्थ्य वर्धक बनाना है। इस अवसर पर ज़िला गुणवत्ता सलाहकार अनिल कुमार शर्मा,अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस सुमन, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सीताराम यादव, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, स्वास्थ्य प्रबंधक अविनाश कुमार,जीएनएम प्रीति कुमारी, नूतन कुमारी, आनंद भारती सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

सामान्य अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होंगी उपलब्ध:
मधेपुरा स्वास्थ्य विभाग से आये ज़िला कार्यक्रम प्रबंधक प्रिंस कुमार ने बताया कि पूर्णिया ज़िले में कायाकल्प योजना के तहत सभी तरह के स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार को लेकर मुहिम शुरू कर दी गई है। ज़िला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल,अनुमंडलीय मुख्यालय स्थित रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी अस्पताल प्रबंधन में सुधार के लिए पूरी तन्मयता से लगे हुए है। जिससे विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है।

डीपीएम ने बताया कि सामान्य अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने मुख्य रूप से तीन तरह की सुविधाओं पर फोकस किया है। जिसके तहत स्वच्छता(हाईजीनिक), बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार है, जिस पर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना होगा। सामान्य अस्पताल के सभी वार्डों में स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा इलाजरत मरीजों या आने वाले अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों में पीने के लिए स्वच्छ व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। वहीं अस्पताल परिसर में बने शौचालयों को घर जैसी सफ़ाई करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । वहीं परिसर में छोटा-छोटा पार्क बनाकर उसमें रंग बिरंगे फूल-पौधे लगाकर उन्हें सजाने की मुहिम पर काम किया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों को शांत व स्वच्छ वातावरण माहौल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

बेहतर गुणवत्तापूर्ण वाले स्वास्थ्य केंद्रों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र के अलावे नकद राशि दी जाएगी :
यूनिसेफ़ के प्रमंडलीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बताया कि इस योजना के तहत आने वाले राज्य के अस्पतालों को मुख्य रूप से पांच पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है । जिसमें प्रत्येक राज्य के दो सर्वश्रेष्ठ जिला अस्पताल, प्रत्येक जिले में दो सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्च स्तर पर रख-रखाव, सफ़ाई के साथ ही बेहतर गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था व व्यवहार अपनाने वाले कर्मियों सहित अस्पताल को प्रमाण पत्र के साथ ही नकद राशि भी देने का प्रावधान है ।

प्रथम पुरस्कार के तहत प्रशस्ति प्रमाण पत्र के अलावे नकद राशि के रूप में 50 लाख व दूसरे को 20 लाख रुपये मिलेंगे जो केवल ज़िला मुख्यालय स्थित अस्पतालों के लिए ही होगा।वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रमाण पत्र के साथ ही 15 लाख रुपये एवं 10 लाख रुपये देने का प्रस्ताव है तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर तीसरे स्थान पाने वाले विजेताओं को इस योजना के तहत प्रमाण पत्र के साथ-साथ 2 लाख रुपये नकद राशि मिलनी है ।