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कोरोना संक्रमण के समय संस्थागत व सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल में हैं बेहतर विकल्प

  • प्रसव कक्ष में जांच के बाद ही दी जाती हैं अनुमति: स्वास्थ्य प्रबंधक
  • प्रसव पीड़ा से पहले आशा व एएनएम के संपर्क रहने की जरूरत

पूर्णिया(बिहार)कोविड-19 संक्रमण बढ़ता जा रहा है। अभी भी हमलोगों को सतर्कता बरतनी है। कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे ज़्यादा गर्भवती महिलाओं को एहतियात के तौर पर सुरक्षित रहने की जरूरत है। क्योंकि उनके साथ एक नहीं बल्कि दो-दो जिंदगियां जुड़ी हुई हैं। उनके प्रसव से पूर्व एवं बाद के लिए परिवार वालों की जिम्मेदारियां काफ़ी बढ़ गई हैं। संस्थागत व सुरक्षित प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल का ही चयन करना बेहद ही जरूरी है।

सदर अस्पताल में प्रशिक्षित नर्स की देखरेख में कराया जाता है प्रसव: प्रभारी अधीक्षक

सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ ए अहमद के अनुसार ज़िले मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक एवं प्रशिक्षित जीएनएम व एएनएम की देखरेख में नवजात शिशुओं का जन्म होता है तो उससे जच्चा व बच्चा दोनों के स्वास्थ्य से संबंधित हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। जिससे सुरक्षित प्रसव होने की पूरी संभावनाएं बनी रहती है। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थलों सहित सरकारी अस्पतालों में भी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसलिए अपने नवजात शिशुओं का जन्म नजदीकी के सरकारी अस्पतालों में ही कराएं ताकि संस्थागत प्रसव के होने से न सिर्फ आपके शिशु बल्कि उनके माता की स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगी। साथ ही साथ मातृ व शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी भी आएगी।

कोरोना संक्रमण के दौरान प्रसव कक्ष में जांच के बाद ही दी जाती हैं अनुमति: स्वास्थ्य प्रबंधक
सदर अस्पताल की स्वास्थ्य प्रबंधक सिंपी कुमारी ने बताया कोरोना संक्रमण को देखते हुए अस्पताल के लेबर रूम में सैनिटाइजर मशीन की व्यवस्था कराई गई है। ताकि प्रसव कराने आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं व उनके साथ आने वाले परिवार के किसी भी एक सदस्य को सैनिटाइज किया जाये। इसके पूर्व उनलोगों को चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। साथ ही अस्पताल परिसर हो या फिर प्रसव गृह हर जगह कम से कम दो गज की शारीरिक दूरी का भी ख़्याल रखा जाता है। हालांकि विगत वर्ष मार्च महीने में लगे लॉकडाउन के समय से लेकर वर्तमान समय तक सबसे ज़्यादा प्रसव सदर अस्पताल में ही कराया गया है। क्योंकिं कोरोना संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा विश्वास सरकारी अस्पतालों में जताया गया है। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित व संस्थागत प्रसव के लिए प्रसव कक्ष में ही अलग से तीन बेड के एक कमरा को सुरक्षित किया गया है। जहां पर संक्रमित गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जायेगा। गर्भवती महिलाओं की जांच एंटीजन किट से कराने के बाद ही प्रसव रूम में जाने के लिए अनुमति दी जाती है। जीएनएम व एएनएम पीपी किट पहन कर सभी महिलाओं की देखभाल करती हैं।

सुरक्षित व संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल में हर तरह सुविधाएं उपलब्ध: जीएनएम

सदर अस्पताल में पदस्थापित जीएनएम ज्योति सुमन ने बताया संस्थागत व सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल स्थित प्रसव गृह में आवश्यकतानुसार हर तरह की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। जो गर्भवती महिलाएं व नवजात शिशुओं को मिलनी चाहिए। क्योंकि जन्म का पहला घण्टा नवजात शिशुओं के लिए बहुत जरूरी होता है। उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। वैसे समय में नवजात शिशुओं को ऑक्सीजन की आवश्यकता ज्यादा होती है। शिशुओं के जन्म के समय उसमें ऑक्सीजन की होने वाली कमी को चिकित्सकीय भाषा में बर्थ एस्फीक्सिया कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 23 प्रतिशत शिशुओं की मृत्यु सिर्फ बर्थ एस्फीक्सिया के कारण ही होती है। इससे निबटने के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं । गर्भवती महिलाओं के परिजनों से अपील की जाती है कि आपलोग अपने परिवार की महिलाओं का प्रसव अस्पतालों में ही कराना सुनिश्चित कराएं ताकि कोरोना संक्रमण काल के दौरान जच्चा व बच्चा सुरक्षित रहे।

प्रसव पीड़ा से पहले आशा व एएनएम के संपर्क में रहने की जरूरत:
कोविड-19 संक्रमण के कारण आम जनमानस की जिंदगी में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में अगर आपके घर पर कोई गर्भवती महिला के प्रसव का समय नजदीक आ रहा है तो ऐसी स्थिति में आपको समय से पूर्व हर तरह की तैयारी जरूर कर लेनी चाहिए। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता व एएनएम को सूचित करने के साथ ही नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए। प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस चालक का संपर्क सूत्र व जानकारी आपके पास उपलब्ध रहना चाहिए। ताकि ससमय आप अस्पताल पहुंच सकें और नवजात शिशु की सुरक्षित प्रसव कराकर जच्चा व बच्चा को स्वास्थ्य रख सकते हैं ।

कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करना हम सभी के लिए है अनिवार्य:
-मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
-बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
-साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
-अनावश्यक यात्रा से परहेज करें।
-बासी और बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
-गर्म व ताजा खाना का सेवन करें।
-लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।