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रोगियों की सुरक्षा स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी :कटिहार सिविल सर्जन

  • सदर अस्पताल में मनाया गया विश्व रोगी सुरक्षा दिवस
  • मरीजों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य कर्मी व रोगियों की आपसी सहयोग और जागरूकता जरूरी

कटिहार(बिहार)जिला सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडे व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को रोगियों के साथ आपसी समन्यवय बनाकर उनकी सही तरीके से इलाज करना, उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना, सही दवा उपलब्ध कराना, दिए गए दवाओं के इस्तेमाल का सही जानकारी देना आदि के लिए निर्देशित किया गया. आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन के साथ ही जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डी.एन. झा, केयर इंडिया अधिकारी राहुल सोनकर, भावना राणा, निशांत कुमार, अस्पताल प्रबंधक भावेश रंजन, यूनिसेफ प्रतिनिधि, क्यूआई कंसलटेंट के साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे.

स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी रोगियों की सुरक्षा :
आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडे ने कहा किसी भी स्वास्थ्य कर्मी की सबसे पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी रोगियों की सुरक्षा होती है. रोगियों की सुरक्षा के लिए सभी चिकित्सकों के साथ ही अन्य कर्मियों को भी स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशासित और सुरक्षित बनाने की जरूरत है. सभी कर्मी समाज के प्रति जबाबदेह हैं. अभी विशेष रूप से कोरोना काल के समय में रोगियों की सुरक्षा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. लिहाजा ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल और सुरक्षित करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर योगदान देना चाहिए. रोगियों की जांच के साथ ही उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करें जिससे वे स्वयं का बेहतर ध्यान रख सके.

बीमारी के साथ ही दवाओं की मिले सही जानकारी :
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार ने कहा विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य रोगियों व स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी व मरीजों की आपसी सहयोग जरूरी है. स्वास्थ्य कर्मी अपने काम को केवल ड्यूटी समझ कर नहीं खत्म कर सकते. मरीजों को क्या बीमारी है, वह उसे कैसे हुआ, कौन सी दवाएं उन्हें दी गई, उसे लेने की उचित मात्रा क्या है, किस समय पर दवा दिया जाना जरूरी है इसकी भी जानकारी मरीजों को होनी चाहिए. ऐसे में मरीजों का स्वास्थ्य विभाग के प्रति भरोसा बढ़ेगा और वह अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक रहेंगे.

मरीजों के साथ स्थापित करें सही समन्यवय :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. डी. एन. झा ने कहा मरीजों के साथ सही समन्यवय स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को सही रणनीति का प्रयोग करना चाहिए. उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि स्वास्थ्य कर्मी उन्हें स्वास्थ्य रखने के लिए काम करते हैं न कि उन्हें बीमार बनाने के लिए. ऐसे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुशल स्वास्थ्य कर्मियों को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए तथा उन्नत किस्म की स्वास्थ्य सेवाएं रोगी को मुहैया करवाई जानी चाहिए. हम सभी इसके लिए प्रयत्नशील हैं और कोशिश करते हैं कि हमारे पास आने वाले सभी रोगी जल्द और सुरक्षित स्वास्थ्य होकर लौटे.

रोगियों की सुरक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किया गया घोषित :
वर्ष 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में रोगियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 17 सितम्बर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई. गौरतलब है कि असुरक्षित देखभाल के कारण प्रत्येक वर्ष 134 मिलियन प्रतिकूल घटनाएं निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के अस्पतालों में घटित होती हैं, जिसके कारण हर साल 2.6 मिलियन मौतें होती हैं. इसका उद्देश्य रोगी सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना है. इस वर्ष की थीम- “हेल्थ वर्कर सेफ्टी : ए प्रायोरिटी फ़ॉर पेशेंट सेफ्टी” (स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुरक्षा: रोगी सुरक्षा के लिए एक प्राथमिकता) है.