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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दूसरा डोज जरूरी- सिविल सर्जन

रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक समय तक कारगर बनाये रखने के लिए दूसरा डोज आवश्यक:
तीसरी लहर को कम प्रभावी करने में कोरोना टीकाकरण की अहम भूमिका:
दूसरे डोज के प्रति न हो उदासीन:

सहरसा(बिहार)जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार एवं रोकथाम के लिए कोरोना टीकाकरण जारी है।कोरोना टीकाकरण अभियान अपने विभिन्न चरणों से गुजरता हुआ 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को टीका लगाने के चरण तक पहुँच चुका है। सरकार द्वारा मैट्रिक एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में भाग ले रहे परीक्षार्थियों को तीसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कैवैक्सीन से आच्छादित किया जा चुका है। आम सभा आयोजित करते हुए पंचायत स्तर पर आयुवर्ग आधारित लाभुकों को जागरूक एवं प्रोत्साहित करते हुए उनका दूसरा एवं प्रीकाॅशन डोज दिया जा रहा है। ऐसे में लोगों का कोरोना टीकाकरण के प्रति उदासीनता एवं कोविड अनुरूप व्यवहारों को अपनने में कोताही किया जाना खतरनाक साबित हो सकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक समय तक कारगर बनाये रखने के लिए दूसरा डोज आवश्यक:
सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने बताया कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया वैक्सीन का विकास शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए किया गया है। कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने से व्यक्ति के शरीर में विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावी एवं अधिक समय तक कारगर बनाये रखने के लिए कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेना जरूरी है। दूसरा डोज लेने से आपके शरीर में विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता को अतिरिक्त मजबूती तो प्रदान होती ही है। साथ ही यह आपमें विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक समय तक प्रभावी बनाये रखने में अहम भूमिका निभाती है।

तीसरी लहर को कम प्रभावी करने में कोरोना टीकाकरण की अहम भूमिका:
सिविल सर्जन डा. कुमार ने बताया वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव एवं प्रसार को कम करने में सरकार द्वारा अभियान चलाते हुए अधिक से अधिक लोगों को कोरोना टीका से आच्छादित किया जाना एक महत्वपूर्ण एवं सफल रणनीति रही। उन्होंने बताया तीसरी लहर आने के आशंकाओं को देखते हुए सरकार द्वारा 15 से 18 वषर् के किशोर एवं किशोरियों के लिए कोवैक्सीन का टीका दिया जाना भी सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से किशोरों को बचाये रखने में कारगर हथियार साबित हुआ।

दूसरे डोज के प्रति न हो उदासीन:
सिविल सर्जन डा. कुमार ने बताया कोरोना के नये मामले नहीं मिलने से लोगों में कोरोना वैक्सीन की दूसरी एवं प्रीकाॅशन डोज लेने में उदासीनता दिखायी जा रही है जो कभी भी खतरनाक साबित हो सकती है। साथ ही लोगों द्वारा कोरोना उपयुक्त व्यवहार को अपनाये रखने में भी कोताही बरती जा रही है जो कोरोना वायरस को न्यौता देने के समान है। उन्होंने लोगों से समय पर अपना दूसरा डोज लेने की अपील करते हुए कहा जिनका भी अपना दूसरा डोज लेने का समय हो चुका है कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज अवश्य लें।