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सारण में चयनित अभ्यर्थियों को 45 दिन बाद भी नहीं मिला नियोजन पत्र

सारण(बिहार) महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना के अंतर्गत जिले में चल रही 28 शिक्षा सेवक / शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज़) के रिक्त पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को 45 दिन बाद भी नियोजन पत्र नही मिल सका। अभ्यर्थी कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। मालूम हो कि बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायत पर डीईओ ने नियोजन पत्र वितरण होने के एक दिन पहले 25 अक्टूबर को बहाली प्रक्रिया को स्थगित कर दी थी। विभागीय शेड्यूल के मुताबिक 26 अक्टूबर को ही नियोजन पत्र वितरण करना था। इसके पहले विभिन्न प्रखंडों के अर्हता पूरी करने के बाद भी चयनित सूची से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने कमिश्नर, आरडीडीई, डीएम व डीईओ से शिकायत की थी।

डीईओ कौशल किशोर ने त्वरित संज्ञान लेते हुए बहाली प्रक्रिया को स्थगित की और गड़बड़ी से जुड़े विन्दुओ पर तत्कालीन साक्षरता डीपीओ से जवाब तलब किया।तत्कालीन डीपीओ के जवाब से असंतुष्ट डीईओ ने संचिका पर निर्देश देते हुए कहा है कि आपत्तियों का नियमानुसार निराकरण करते हुए बहाली प्रक्रिया को पूर्ण करें। गड़बड़ी पाए जाने पर जवाबदेही डीपीओ की होगी। हालांकि तत्कालीन साक्षरता डीपीओ अजित अमर का प्रभार बदल चुका है। अब साक्षरता के नये डीपीओ संजय कुमार से ही अभ्यर्थियों को उम्मीद है। चर्चा यह है कि बहाली प्रक्रिया स्थगित होने के बाद भी 45 दिन समय सिर्फ सेटिंग में लगे।

वरना जो भी होना चाहिए हो गया रहता। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और डीईओ समेत अन्य पदाधिकारी को मिले शिकायत पत्र में विभिन्न तरह के आरोप लगाए गए हैं। इनमें भगवान बाजार के सागर कुमार ने आरोप लगाया है कि पूर्व से पुरुष के लिए आवंटित केंद्र को नियम को ताक पर रखते हुए महिला कोटि के लिए आवंटित कर दिया गया है। मांझी प्रखंड की यासमीन आरा ने कहा है कि नियमावली में टोला के निवासी होने की अर्हता रखी गई है जबकि वार्ड के निवासी नहीं होने की बात कह कर मेधा अंक होने के वावजूद अंतिम सूची से बाहर कर दिया गया है। दरियापुर प्रखंड की जुलेखा खातून, अमनौर प्रखंड की शाहिना परवीन ,भगवान बाजार के पंकज कुमार व अन्य ने भी कहा है कि नियमावली को ताक पर रखकर बिना शेड्यूल का पालन किये बहाली की प्रक्रिया मनमाने तरीके से की जा रही है।

पदाधिकारी से आवेदकों ने बहाली प्रक्रिया को स्थगित करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। मालूम हो कि चार सितंबर तक सम्बंधित विद्यालय में एचएम के पास आवेदन लिए थे। वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति को ही शिक्षा सेवकों की बहाली करनी है। अभ्यर्थियों को मार्गदर्शिका 2018 के कंडिका 04 में अंकित दिशा निर्देश के आलोक में ही आवेदन करना था। नियमावली के अनुसार साक्षरता, शिक्षा या सरकार की किसी योजना में कम से कम छः माह या उससे अधिक समय तक काम करने वाले अभ्यार्थियों को अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान है। शिकायत पत्रों के अनुसार कई अभ्यर्थियों को वेटेज नही दिया गया है। आवेदन के साथ शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक अंक पत्र एवं प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, अवासीय प्रमाण-पत्र एवं आधार कार्ड की स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति देने के बाद भी मनमाने तरीके से मेधा में सर्वोच्च स्थान लाने वाले को भी अंतिम सूची से हटा देने का आरोप लगाया गया है।
प्रखंडवार रिक्ति
अमनौर-02, बनियापुर-01, छपरा सदर व नगर -04,दरियापुर-03,दिघवारा-01,गड़खा-03  ,इसुआपुर-01, लहलादपुर-01, मकेर-01, मांझी-02, मशरक-01, परसा-02, सोनपुर-02 व तरैया-04.