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बिहार में लोहार जाति को संविधान प्रदत अनुसूचित जनजाति दर्जा को बहाल करने लिए राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री को पत्र भेजा

प्रत्येक घर से एक पत्र महामहिम राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री व जनजातीय मंत्री को पत्र भेजने का काम करें

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड क्षेत्र के चक्रवृद्धि गांव के गौरी शंकर शर्मा के बड़े पुत्र जदयू के आदिवासी प्रकोष्ठ पूर्व प्रदेश सचिव अशोक कुमार शर्मा ने मंगलवार को डाक के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द,प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी व जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा को बिहार के लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति के दर्जे को बहाल करने के लिए पांच सूत्री मांग पत्र भेजा है।

अशोक कुमार शर्मा

भेजे गए पत्र में अशोक कुमार शर्मा ने बताया है कि बिहार में लोहार(LOHARA)जाति 06/09/1950 से बिहार की अनुसूचित जनजाति के सूची में प्रथम महामहिम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा अधिसूचित है, साथ ही 1956,1976 में लोहार(LOHARA) तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपतियों द्वारा भी अधिसूचित है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा पूर्व की सरकार ने एक्ट 48/2006 लाकर रोमन लिपि LOHARA को देवनागरी लिपि में लोहारा प्रचारित करा दिया,जो कि असंवैधानिक गैर कानूनी है एवं पूर्व की महामहिम राष्ट्रपतियों के अधिसूचना का सरासर उलंघन हैं।

बिहार में लोहारा नाम की कोई जाति नहीं हैं।उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के कमरा संख्या(11) में लोहार वंश के प्रदर्शनी में लगे पोस्टर को देखा जा सकता हैं, जैसे राम को अंग्रेजी में RAMA,कृष्ण को KRISHNA,नरेंद्र को NARENDRA उसी प्रकार से लोहार को रोमन में लोहारा लिखा जाता है।पत्र में बताया है कि बिहार एवं झारखण्ड(संयुक्त बिहार) में काका कालेलकर आयोग ने भी (1955) 22.LOHARA को लोहार ही माना है।

पुनः राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1933 एक्ट नम्बर.27 की धारा 2(क) के तहत बिहार राज्य में लोहार को पिछड़ा वर्ग नहीं माना हैं।इसे अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुसंशा की गई।बिहार एवं भारत सरकार के अभिलेख प्रमाण भी लोहार को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने के संकेत देते है।संयुक्त बिहार(बिहार एवं झारखण्ड) में जमीन के खतियान में लोहरा एवं लोहारा जाति न लिखकर लोहार ही दर्ज किया गया है।इसका अर्थ है कि लोहार ही लोहारा है।

लोहारा ही लोहार है।उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से बिहार के लगभग (30)लाख लोहार जाति के लोगों के सामने असंवैधानिक संकट से उबरने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अनुशंसा एवं अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान,पटना के जांच रिपोर्ट के कार्यकारणी सरांस के पृष्ठ संख्या 451,452 एवं पूर्व में अभिलेखों के आधार पर एक्ट 48/2006 को रद्द(REPEAL)कराकर एक्ट 108/1976 को पुनः स्थापित कर बिहार राज्य हेतु लोहार/लोहरा(LOHARA/LOHRA)जाति को अनुसूचित जनजाति का अधिसूचना शीघ्र जारी करने की कृपा की जाए।

उन्होंने ने बिहार के सभी लोहार/लोहारा जाति के लोगों से अपील किया कि प्रत्येक घर एक पत्र महामहिम राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री व जनजातीय मंत्री को पत्र भेजने का काम करें।