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कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में होगा छिड़काव, 60 दिनों तक चलेगा अभियान

• आशा को 200 रुपए अश्विन पोर्टल के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे
• जनप्रतनिधियों का लिया जायेगा सहयोग
• माइकिंग के माध्यम से किया जायेगा प्रचार प्रसार

छपरा(बिहार)कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। घर-घर जाकर सिथेटिक पैराथैराइड का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान छिड़काव कर्मी लक्षण वाले कालाजार मरीजों की खोज करेंगे। यह अभियान कुल 60 दिनों तक चलेगा। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि दवा छिड़काव के संबंध में आम जनता के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि वे अपने घरों में छिड़काव के लिए निर्धारित तिथि को सक्रिय सहयोग प्रदान कर सकें। साथ ही छिड़काव से दो दिन पूर्व जिले के प्रत्येक आक्रांत प्रखंडों में माइकिग के माध्यम से छिड़काव की तिथि एवं छिड़काव पूर्व घरेलू स्तर पर की जाने वाली तैयारी तथा छिड़काव से होने वाले लाभ एवं कालाजार रोग के लक्षण, उपचार एवं बचाव संबंधी जानकारी दी जाएगी। छिड़काव कार्य योजना के अनुसार सभी कालाजार प्रभावित गांवों के सभी घरों, गौशालाओं में दवा का छिड़काव कराया जाना है। गुणवत्तापूर्ण छिड़काव की दृष्टि से पर्यवेक्षण अत्यंत आवश्यक है। प्रखंडस्तर पर विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के द्वारा पर्यवेक्षण सुनिश्चित की जाएगी। पीएचसी के प्रभारी, आयुष चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारी के बीच प्रभावित गांव को आवंटित कर अपनी उपस्थिति में पर्यवेक्षण कराएंगे।

आशा को 200 रुपए अश्विन पोर्टल के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे:

प्रत्येक दिन कार्य समाप्ति के बाद दिनभर के छिड़काव कार्य की मानक के अनुरूप समीक्षा की जाएगी। आवश्यक सुधार के लिए निर्देश दिया जायेगा। पैची छिड़काव एवं ओवरलैपिंग पर कड़ी निगरानी रखी जायेगी। प्रत्येक दल के दल नायक छिड़काव पंजी का संधारण करेंगे। सिंथेटिक पैराथाराइड का घोल प्रति 7.5 लीटर पानी में 125 ग्राम सिंथेटिक पैराथाराइड पाउडर मिलाकर तैयार किया जाएगा। दवा छिड़काव से दो दिन पहले आशा गांव के लोगों को सूचना देगी। इसके लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में आशा को 200 रुपए अश्विन पोर्टल के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे। एनवीबीडीसीपी भारत सरकार द्वारा इस चक्र के छिड़काव में छिड़काव के मापदंड में बदलाव करते हुए छह फीट छिड़काव के स्थान पर घरों के कमरे, गौशाला, रसोई घर की पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। छत अथवा सीलिंग में छिड़काव नहीं किया जाएगा।

आरके-39 से होगी जांच:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि बुखार के दौरान मरीज के वजन में कमी आना और लीवर का बढ़ जाना कालाजार का प्रमुख लक्षण हैं। ऐसा कोई भी मामला सामने आएं, तो मरीज को नजदीकी सरकारी अस्पताल लाएं। वहां आरके-39 किट से उनकी जांच होगी। यदि मरीज कालाजार से ग्रसित पाया गया, तो उनका नियमित और सुचारू तौर पर इलाज चलेगा।

छिड़काव को सफल बनाने के लिए होगा प्रचार प्रसार:
वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जायेगा। जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। छिड़काव से पूर्व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा माइकिंग के माध्यम से लोगों को सूचना दी जायेगी तथा प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ बैनर-पोस्टर के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया जायेगा।