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काव्यकृति कुरूक्षेत्र का मंचन:स्थितियों के अनुसार युद्ध भी अनिवार्य होता है

रविवार कोकिलकारी भवन , पटना के प्रेक्षागृह में राष्ट्रिय नाट्य विद्यालय के पुर्व छात्र हरिशंकर रवि के निदेशन में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की काव्यकृति कुरूक्षेत्र का मंचन किया गया। इस में बेहतरीन लाईट और सेट डिजाइन का उपयोग किया गया। नाटक कुरूक्षेत्र में मंच पर महाभारत के युद्ध के बाद के विध्वंस की कथा है,युद्ध से उपजे विध्वंस से युधिष्ठिर विचलित हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि युद्ध बेकार है इससे सिर्फ समाज का नुकसान ही होता है इसी व्यथा को लेके युधिष्ठिर भीष्म पितामह के पास जाते हैं और उन्हें अपनी व्यथा सुनते हैं फिर भीष्म पीताहम उन्हें ये समझते हैं कि स्थितियों के अनुसार युद्ध भी अनिवार्य होता है ।

इसी द्वंद को लेके राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने इस काव्य को लिखा है और नाटक में भी इस द्वंद को निर्देशक हरिशंकर रवि से बेहद ही प्रभावी ढंग से उकेरा है।ज्ञात हो की इसका दूसरा मंचन 07 अक्टूबर 2024 को लखीसराय (बिहार) में कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के द्वारा कराया जायेगा।
मंच पर,
लाडली राय
बलराम कुमार यादव
प्रवीण कुमार
गोविंद कुमार
प्रत्युष पराशर
शिवांक
हाफिज अली
कृष्णा कुमार
विशाल कुमार गुप्ता
सत्यम मिश्रा
रवि कुमार
रामपत कुमार चौधरी
मंच परे,
संगीत निर्देशन:- रोहित चंद्रा
नगाड़ा:- प्रेम पंडित
ढोलक:- कुमार स्पर्श मिश्रा
हारमोनियम:- चंदन उगना
झाल:- राकेश कुमार चौधरी
तकनीकी सहयोग:- विनय चौहान
विडियो:- मोहम्मद एजाज़
सेट निर्माण:- सुनील शर्मा
प्रस्तुति प्रबंधक:- इंद्रभूषण कुमार
प्रकाश परिकल्पना:- राहुल कुमार रवि
काव्य कृति:- राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर
सहायक निर्देशन:- कुमार स्पर्श
परिकल्पना एवम् निर्देशन :- हरिशंकर रवि
आभार:- किलकारी बिहार बाल भवन, पटना
सहयोग:- अभिषेक राज ड्रामेबाज, कृष्णा कुमार
विशेष आभार:- राजू मिश्रा