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मातृभाषा से ही खुलते हैं उन्नति के रास्ते- कुलपति डॉ.आर.सी. कुहाड़

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन के लिए जो योजना कुलपति प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़ के अथक प्रयासों व मार्गदर्शन से मूर्त रूप लेने जा रही है। उन्हीं तथ्यों से संबंधित भोपाल, मध्य प्रदेश में चल रहे सार्थक एडुविजन-2021 को सम्बोधित करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि यदि आप कल्पना कर सकते हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं। युवाओं के मस्तिष्क को सोचने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, हमें रोबोट नहीं बनना है, हमें वास्तव में इंसान बनना है। युवाओं को नवाचार अपनाते हुए स्वरोजगार उन्मुख बनना चाहिए।

इसी क्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए जमीन को बंजर होने से बचाने के लिए रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। सभी कुलपतियों और प्रशासकों से अनुरोध किया कि वे अपने विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती के बारे में बताएं, स्थानीय खेती की समस्याओं को लेकर अनुसंधान करें और किसानों की आय दुगनी करने में भारत सरकार की मदद करें।
बहुभाषी शिक्षा पर चल रहे इस सम्मेलन में उपस्थित विद्वानों ने एकमत से स्वीकार किया कि हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए। जिस देश में जितनी ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, प्रयोग में होती हैं, वहां उतना अधिक मस्तिष्क का विकास होता है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत देश के 26 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के विद्यार्थी वर्तमान में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने पहले से ही निर्धारित कर रखा है कि बहुभाषा को बढ़ावा देने के लिए हम सभी राज्यों से आए हुए विद्यार्थियों का एक सम्मिलित समूह बनाएंगे ताकि वे एक दूसरे को अपनी मातृभाषा समझा सकें, जिससे कि दूसरे विद्यार्थियों को नई भाषा समझने का मौका मिलेगा और भाषाएं विकसित होंगी। विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि मातृभाषा से ही उन्नति का मार्ग प्राशस्त होगा। सार्थक एडुवीजन-2021 सम्मेलन का आयोजन भारतीय शिक्षण मंडल और राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय शैक्षणिक तकनीकी परिषद द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह अधिवेशन अभी दो दिन और चलेगा जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता श्रीमान कैलाश सत्यार्थी और जिसमें शिक्षा से जुड़े केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कई विभागों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए अपना स्टॉल लगाया। जिसमें विश्वविद्यालय से संबंधित उपलब्धियों, कार्यक्रमों और भावी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई। इस प्रदर्शनी में स्थानीय विद्यालय, महाविद्यालय के विद्यार्थी और सामान्य नागरिक भारी संख्या में उपस्थित रहे।