अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में है आत्मनिर्भर बनने की अपार संभावनाएं – प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार
महेंद्रगढ़:हकेवि में विशेषज्ञ वेबिनार का हुआ आयोजन।जिसमे बढ़ती हुई जनसंख्या हो या औद्योगिकरण का प्रभाव हो, आज के समय में जल, वायु, भूमि सभी जगह विभिन्न प्रकार के प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में अपशिष्ट की इस समस्या का निदान करने के लिए विज्ञान व तकनीकी के सहयोग से अपशिष्ट प्रबंधन के मोर्चे पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।अपशिष्ट जहां हमारे समक्ष एक चुनौती है, वहीं इसका उचित प्रबंधन हमें अपार संभावनाओं भी उपलब्ध कराता है यह संभावनाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मददगार है। अब समय आ गया है कि इस समस्या को भविष्य की सोच के साथ निदान की ओर ले जाया जाए और इस कार्य में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंदगढ़ के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने सेंटर फोर इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन व आजादी का अमत महोत्सव अभियान के अंतर्गत आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
अपशिष्ट प्रबंधन में गुणवत्ता विषय पर केंद्रित इस वेबिनार को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाए गए आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए आवश्यक है कि युवा पीढ़ी नई वैज्ञानिक सोच के साथ अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं को समझे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से इस दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में सेंटर फोर इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन की संयोजिका प्रोफेसर सुनीता श्रीवास्व ने कहा कि माननीय कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय स्तर पर निरंतर नए आइडियाज को विकसित करने दिशा में प्रयास जारी है और इस काम में सेंटर हर प्रकार से सहयोग के लिए तत्पर है।
प्रो सुनीता श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में विभागीय स्तर पर भी विद्यार्थियों को नई आइडियाज पर काम करने के लिए प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि सेंटर के माध्यम से भी ऐसे सभी नए आइडियाज को विकसित करने में सहयोग किया जाएगा। कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप उपस्थित हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के प्रोफेसर दीपक पंत ने अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस तरह से प्लास्टिक अपशिष्ट की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है और उसका किस प्रकार योजनाबद्ध ढंग से निदान संभव है। प्रोफेसर पंत ने अपने संबोधन में अपशिष्ट की समस्या और उसके प्रबंधन के उपाय और उसमें उपलब्ध रोजगार की संभावनाओं से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में किस प्रकार से देश, समाज व विश्व कल्याण के हित में कार्य किया जा सकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव और आजादी का अमत महोत्सव अभियान की नोडल ऑफिसर प्रोफेसर सारिका शर्मा ने सेंटर फोर इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और आजादी का अमत महोत्सव अभियान के अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में सेंटर के सदस्य प्रोफेसर पवन मौर्य ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और इस आयोजन में केंद्र के डॉ.अनूप यादव, श्री सुनील अग्रवाल, डॉ. सूरज आर्या ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विधार्थी और शोधार्थी उपस्थित रहें ।