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गर्भवती होने के साथ ही टीकाकरण कार्य में जुटी हुई हैं एएनएम सोनी

संक्रमित होने की आशंकाओं के बीच कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दे रही बेहतर स्वास्थ्य सेवा: एमओआईसी
विगत एक वर्ष में लगभग दस हजार से अधिक लाभार्थियों को कर चुकी हैं टीकाकृत: बीएचएम

पूर्णिया(बिहार)ज़िले के सभी लाभार्थियों को शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मी तमाम तरह की चुनौतियों के बीच अपने कर्तव्यों के पथ पर अग्रसर हैं। ताकि कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। जिससे इस कोरोना संक्रमण जैसी महामारी को जड़ से मिटाया जा सके। ऐसे ही कर्मियों में से एक हैं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रजीगंज में कार्यरत एएनएम सोनी कुमारी। पूर्णिया पूर्व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने एएनएम सोनी कुमारी के संबंध में बताया विगत 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण महाभियान के शुरुआती दौर के समय से ही टीकाकरण कार्य में जुटी हुई हैं। खुद संक्रमित होने की आशंकाओं के बीच कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए लोगों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे रही हैं। वह टीकाकृत होने के लिए आने वाले लाभार्थियों को कोविड-19 गाइडलाइन के अनुरूप नियमित तौर पर मास्क का प्रयोग करने और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी रखने के लिए प्रेरित भी करती हैं। इसके साथ-साथ लोगों को एक निश्चित अंतराल पर हाथों की सफाई करने के लिए भी सलाह देती हैं। इसके साथ ही अभी तक टीकाकरण नहीं कराने वाले लाभुकों को टीका लेने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। ताकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाया जाए।

एक वर्ष के अंदर लगभग दस हजार से अधिक लाभार्थियों को कर चुकी हैं टीकाकृत: बीएचएम
पूर्णिया पूर्व पीएचसी के बीएचएम विभव कुमार ने बताया आठ महीने की गर्भवती एएनएम सोनी कुमारी स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र रजीगंज में पदस्थापित होने के साथ ही विगत एक वर्षो से लगातार बगैर छुट्टी लिए टीकाकरण कार्य को पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं।

वह हमेशा अपने कार्यो के प्रति मुस्तैद और सजग रहती हैं। वह तमाम चुनौतियों के बावजूद कभी भी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह नही रही हैं। सोनी कुमारी की इस पहल का स्थानीय लाभार्थियों या निवासियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वह अभी तक लगभग 10 हजार से अधिक लाभार्थियों को टीकाकृत कर चुकी हैं। केंद्र पर आने वाले सभी तरह के लाभार्थियों को टीकाकृत करने के बाद ही दम भरती हैं। उसका मानना है कि स्थानीय क्षेत्र या आने वाले लोग वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षित रहने के टीकाकरण से वंचित नहीं रहें। इसका परिणाम यह हुआ कि लोगों में टीकाकरण के प्रति विश्वास बढ़ा और अब लोग खुद एपीएचसी पर आकर खुद टीकाकृत हो रहे हैं। इससे ना सिर्फ टीकाकरण अभियान को गति मिली हैं बल्कि स्थानीय ग्रामीणों के सकारात्मक सहयोग से अफवाहों को मात भी मिली है।

ड्यूटी के दौरान हाथ टूट गया लेकिन हिम्मत नहीं हारी:
एएनएम सोनी कुमारी ने बताया पिछले वर्ष 16 जनवरी से जिले में कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान की शुरुआत हुई थी। विकट परिस्थितियां जरूर थी। लेकिन हमलोगों के लिए मुश्किल नहीं था। वहीं सकारात्मक परिणाम की उम्मीद के साथ अपने कर्तव्यों के प्रति विगत एक वर्षो से डटी हूं। हालांकि इसी बीच घर से ड्यूटी जाते समय सड़क दुर्घटना में मेरा हाथ टूट गया और सर में चोट भी लगी। लेकिन हिम्मत नहीं हारी और डट कर संघर्ष किया। हाथ में प्लास्टर देख कर बहुत से लोग कहते थे कि छुट्टी लेकर घर में आराम करो लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। इस दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उस समय ज़िले में वैक्सीनेशन अभियान के साथ अफवाहों का भी दौर शुरू हो गया था। जो ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों के रूप उभरकर सामने आया था। इसकी वजह से वैक्सीनेशन के लिए लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। लोगों में वैक्सीनेशन के सकारात्मक पहलुओं के प्रति जागरूकता की काफी कमी थी। बावजूद इसके टीकाकरण महाअभियान में जुटे मेरे जैसे कई स्वास्थ्य कर्मियों ने इस चुनौती को एक अवसर समझकर अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे।

इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर:
नियत समय पर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।

विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन।
साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
सैनिटाइजर का उपयोग करें।