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उर्दू जबान में मीठापन व रूमानीपन है जो सब जबान से अच्छी है : डीएम

पंचायत से लेकर जिला के सभी जगहों पर उर्दू में बोर्ड लिखे जाएं : वायजुल हक

वैशाली बिहार

हाजीपुर (वैशाली)गंगा और गंडक के किनारे पर आबाद जम्हूरियत की सरजमीं वैशाली में वाके गंगा-जमुनी तहज़ीब की शहर हाजीपुर के जिला समाहरणालय परिसर स्थित कान्फ्रेंस हाॅल में जिला उर्दू जबान सेल हाजीपुर के बैनर तले फरोग ए उर्दू सेमिनार,मुशायरा व अमल गाह अपने तय वक्त से डेढ़ घंटा देर से शुरू हुआ।प्रोग्राम का इफ्तेताह डीएम वैशाली उदिता सिंह व दीगर मेहमानों ने शमां रौशन कर किया।प्रोग्राम से खिताब करते हुए डीएम उदिता सिंह ने कहा कि उर्दू जबान में मीठापन व रूमानीपन है जो सब जबान से अच्छी है।उर्दू जबान सबकी जबान है।उर्दू भाषा में जो शायरी होती है वह हिन्दी भाषा में महसूस नहीं होती।गम हो या खुशी का माहौल हो जब भी शायरी करते हैं तो हम लोग उर्दू भाषा का प्रयोग करते हैं।

हिन्दी भाषा में ज्यादा अल्फाज उर्दू के ही होते हैं।हिन्दुस्तान की सभ्यता व संस्कृति में उर्दू भाषा का बहुत बड़ा महत्व है।उर्दू और हिन्दी शुरू से ही इस देश में साथ-साथ रहते आ रहे हैं।हिन्दी और उर्दू के साथ होने से ही देश में हिन्द-मुस्लिम दोनों साथ मिलकर रह रहे हैं।उर्दू का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।उर्दू को पापुलर करें।सरकारी या दूसरी जगहों पर भी उर्दू को पापुलर करने का हमारा उद्देश्य रहता है।हम उर्दू के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे।इस प्रोग्राम में आए सभी लोगों को मेरी शुभकानाएं।उर्दू सेमिनार से खिताब करते हुए सिनियर डिप्टी कलेक्टर ब शमूल इंचार्ज अफसर जिला उर्दू जबान सेल कहकशां ने कहा कि उर्दू हिन्दी एक दूसरे की ताकत है।उर्दू हमारे बोलचाल में रची बसी है।यह सबकी जबान है।हम लोग जो भी बोलते हैं वह उर्दू की जबान होती है।सरकार उर्दू की तरक्की के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है।इसके प्रचार प्रसार में थोड़ी कमी हुई है।हम सब का साथ रहे तो उर्दू का विकास जरूर होगा।

प्रोग्राम से मेहमाने खुसूसी प्रोफेसर हामिद अली खान शोब ए उर्दू बी आर ए बिहार युनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर ने खिताब करते हुए कहा कि उर्दू के फरोग के लिए इंकलाबी तहरीक की जरूरत है।उर्दू जबान के लिए काम करने वाले बहुत से लोग आज तक कोई एजाज नहीं पाये।उर्दू के लिए सब मिलकर काम करें।उर्दू के कई ओहदे खाली हैं उसे पूरा करने के लिए आवाज बुलंद करें।दूसरों की तरफ इशारा करने से पहले हमें अपनी तरफ भी देखना चाहिए।हम सभी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं।मेहमाने एजाजी की हैसियत से मौजूद अबदुर्रहीम अंसारी रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज हाजीपुर ने खिताब करते हुए उर्दू की कमेटियों व तंजीमों पर सवाल उठाए।इन्होंने कहा कि उर्दू एक सवारी पर उल्टा बैठी है।वह सही सिम्त में नहीं है।उर्दू से हम लोगों को कितना जोड़े है कोई बताए।कोई काम नहीं करते।गाँव देहात के कितने बच्चो को स्कूल से जोड़ा गया एक भी बताएं और समझते हैं कि उर्दू की तरक्की हो रही है।मेहमाने एजाजी के तौर पर प्रोफेसर वायजुल हक ने खिताब करते हुए कहा कि उर्दू आज जिस मकाम पर है वह अच्छे मकाम पर है।

मेरे तालिब इल्मी के जमाने में उर्दू सरकारी जबान नहीं थी।उर्दू के फरोग के लिए सभी अपना दस्तखत उर्दू में ही करें।कोई भी कार्ड उर्दू में जरूर छपवायें।उर्दू स्कूलों मे उर्दू टीचर ही बहाल हों।उर्दू स्कूलों को हिन्दी स्कूलों मे तब्दील कर दिया गया जो अफसोस की बात है।सरकारी सतह पर जो कमियां है उसे दूर करने की जरूरत है।पंचायत से लेकर जिला तक सभी जगहों पर उर्दू में भी बोर्ड लगने चाहिए।उर्दू सेल वाले इस प्रोग्राम को किसी मैदान में या इससे बड़े हाॅल में कराएं जहां सभी को बैठने की जगह हो।इस तरह के प्रोग्राम का बैनर हर जगह लगाया जाए ताकि लोगों को जानकारी हो सके।उर्दू के फरोग के लिए सभी लोगों को नीति और नियत दोनों ठीक करने की जरूरत है।हाजीपुर शहर के मस्जिद चौक,चौहट्टा और मंगली अखारा में वाके उर्दू स्कूल जो खस्ता हाल है और उसमें उर्दू टीचर आज तक बहाल नहीं हुआ।उर्दू के फरोग के लिए अपनी सतह पर हर कोई कोशिश करे।उर्दू टीचर भी अपने स्कूल के बच्चों को उर्दू जरूर पढ़ाएं।वहीं इन्होंने सभी से अहद कराया कि जो लोग उर्दू में कार्ड न छपवाएं तो उनके यहां दावत खाने न जाएं।

प्रोग्राम की सदारत कर रहे जनाब मुफ्ती मोहम्मद सनाउल होदा कासमी सदर कारवानें अदब हाजीपुर व सदर उर्दू मीडिया फोरम बिहार ने अपने सदारती कलमात में कहा कि उर्दू एक सलीका है।उर्दू हमारे घरों से निकल रही है।हमारे घरों में बावर्ची खाना को किचन रूम,गुसल खाना को बाथरूम कहा जाता हो तो समझ सकते हैं कि उर्दू जबान की क्या हालत होगी।उर्दू का जनाजा हमारे घरों से ही निकल रहा है।अपने घरों में उर्दू को फरोग और रिवाज दें।मुख्तलिफ लोगों से जब मैं मिलता हूं तो लोग कहते हैं कि देखिए मेरा बेटा फर फर अंग्रेज़ी बोलता है मगर कहीं ऐसा नहीं मिला कि कहे कि मेरा बेटा फर फर उर्दू बोलता है।जबानें बोलने,लिखने,पढ़ने से जिंदा रहती है।हिब्रू ने 2200साल तक अपने घरों में अपनी जबान को पढाया।टीचर हजरात भी बुनियाद की ईंट हैं।अपने उपर तवज्जो दें।अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना वली रहमानी मरहूम ने कहा था कि उर्दू को दूध पीने वाले मजनूं की नहीं खून देने वालों की जरूरत है।इस प्रोग्राम में शराब बंदी,बचपन की शादी एक गलत रिवाज,जहेज एक समाजी लानत,उर्दू जबान की अहमियत के मौजू पर नौशाबा सादिया,तराना परवीन,दरखशां परवीन,मोहम्मद सोहैल,मोहम्मद महबूब ने अपने-अपने ख़यालात का इजहार किया और खूब दाद व तहसीन हासिल की।

गुरुकुल परम्परा के पोषक स्वामी श्रद्धानन्द का जीवन प्रेरणा का स्रोत- कुलपति

उर्दू जबान सेल की जानिब से दिए गए मौजू “अवामी सतह पर उर्दू जबान के फरोग में दर पेश मसाएल और उनके हल”,”सरकारी सतह पर उर्दू जबान के अमली नफाज में दर पेश मसाएल और उनके हल”,”स्कूली सतह पर उर्दू की तदरीस के मसाएल और उनके हल” पर मोकाला ख्वां की हैसियत से डाॅक्टर एम ए इजहारूल हक एडवोकेट पातेपुर वैशाली,डॉक्टर आरिफ हसन वस्तवी अदीब व सहाफी हाजीपुर,मौलाना सदरे आलम नदवी पातेपुर वैशाली ने अपने अपने ख़यालात पेश किए।जबकि इसी मौजू पर मंदूबीन की हैसियत से डाॅक्टर शबाना परवीन असिस्टेंट प्रोफेसर वैशाली महिला कॉलेज हाजीपुर,मोहम्मद शाहनवाज अता सहाफी जन्दाहा वैशाली,कमर आजम सिद्दीकी सहाफी बिदुपुर वैशाली ने भी अपने अपने ख़यालात का इजहार किया।इसके बाद महफिल शेर ओ सुखन में बद्र मोहम्मदी पातेपुर,एजाज आदिल गोरौल,बशर रहीमी महुआ,फैज रसूल फैज पातेपुर,मजहर वस्तवी लालगंज,प्रेम नाथ बिस्मिल महुआ,एहसान अशरफ गोरौल,शबाना नरगिस चकसिकंदर,नाजिम कादरी महुआ और प्रोग्राम की निजामत कर रहे कामरान गनी सबा ने अपनी अपनी बेहतरी शायरी से खूब दाद ओ तहसीन हासिल की।वहीं प्रोग्राम के दौरान भारी कु व्यवस्था भी देखने को मिली।इस कंपकंपाती ठंड के बावजूद सुबह से ही तय वक्त पर दूर दराज से आए टीचरों को घंटो खड़े रहना पड़ा।कुछ टीचर कुर्सी की कमी के सबब जमीन पर ही बैठ गए।बाद में कुर्सी का इंतजाम किया गया।टीचरों का कहना था कि हर साल यहां टीचरों को बुलाया जाता है मगर बैठने के लिए माकूल इंतजाम नहीं होता है।वहीं प्रोग्राम के दौरान कई बार माइक भी खराब होती रही जिससे प्रोग्राम का मजा किरकिरा हो गया।

जबकि उर्दू सहाफियों को भी इस प्रोग्राम में हर बार की तरह इस बार भी नज़र अंदाज किया गया।वहीं खाने के लिए दो तरह का इंतजाम किया गया जो उर्दू वालों के साथ सौतेलापन है।प्रोग्राम के आखिर में उर्दू जबान सेल हाजीपुर की जानिब से तलबा व तालिबात,मकाला ख्वां,मंदूबीन,शायर को इनाम से नवाजा गया।प्रोग्राम में जिला भर से सैंकड़ो टीचर,उर्दू के शैदाई,अफ़सरान वगैरह के अलावा अनवारूल हसन वस्तवी,मोहम्मद अजीमुद्दीन अंसारी,मौलाना कमर आलम नदवी,डॉक्टर जाकिर हुसैन,अब्दुल कादिर,आबिद रिज़वी,मौलाना नजरूल होदा,अमीरूल्लाह,मोहम्मद इम्तियाज अहमद,मोहम्मद अलीमुद्दीन,अफरोज आलम,नदीम अख्तर खां,अब्दुल्लाह इमामी,डॉक्टर मोहम्मद कलीम अशरफ,ओबैदुल्लाह,हाफिज जुनैद,अबु बकर सिद्दीकी,मोहम्मद हारून,शकील अहमद,मोहम्मद आसिफ अता,अंजारूल हसन वस्तवी,कारी अफरोज,हाफिज तजम्मुल,मोहम्मद सलाउद्दीन,आतिफ सोहैल भी मौजूद थे।

रिपोर्टर मोहम्मद शाहनवाज़ अता