हरिहर क्षेत्र में त्रिवेणी महाआरती, गूंजे वेद मंत्र और शंख
गौरीकिरण छपरा
हरिहर क्षेत्र सोनपुर में चैत अमावस्या के दिन शनिवार को त्रिवेणी महाआरती का भव्य आयोजन हुआ। यह आयोजन हिन्दू नववर्ष की पूर्व संध्या पर माँ तारा सेवा निधि की ओर से किया गया। नारायणी, गंगा और सोनभद्र नदियों के संगम पर स्थित त्रिवेणी हरिहर क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से यह आरती की गई।हर अमावस्या को भारत वंदना घाट, सोनपुर में और हर पूर्णिमा को कौनहारा घाट, हरीपुर में त्रिवेणी महाआरती होती है।

अमावस्या को हर की आरती और पूर्णिमा को हरी की आरती होती है। दोनों के मिलन से त्रिवेणी महाआरती का स्वरूप बनता है।शनिवार को हुए आयोजन में वेद मंत्रों और शंखनाद से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। ऐसा प्रतीत हुआ जैसे हरिद्वार और काशी का स्वरूप हरिहर क्षेत्र में उतर आया हो। श्रद्धालुओं को विश्वास हुआ कि एक दिन यह क्षेत्र भी काशी और हरिद्वार की तरह विकसित होगा।
माँ तारा सेवा निधि के संस्थापक महाकाल बाबा के मार्गदर्शन में संस्था के सभी सदस्य और पदाधिकारी आयोजन में शामिल हुए। सुशील चंद्र शास्त्री के नेतृत्व में आचार्य अनिल, आचार्य अभिषेक, आचार्य अर्जुन, आदित्य, किसन, अविनाश, विपिन, सोनू और राजीव ने आरती को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने किया। मुख्य अतिथि समाजसेवी रूबी देवी रहीं। दयानंद, विद्यानंद, अनिल, तिवारी और कृष्णा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।