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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 1वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को खिलाई जायेगी अल्बेंडाजोल की दवा

• जिले के 23.32 लाख बच्चों को है दवा खिलाने का लक्ष्य
• आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा पोषक क्षेत्र में बच्चों को खिलाएंगी दवा
• कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिया आवश्यक दिशा निर्देश

छपरा(बिहार)जिले बच्चों को कुपोषण से बचाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के पर प्रत्येक वर्ष फरवरी एवं अगस्त माह में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम के तहत 1 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल 400 एमजी खिलाई जाएगी। अभियान के सफल संचालन के लिए कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में बताया गया है कि कार्यक्रम जिला अंतर्गत सभी सरकारी, निजी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्र पर संचालित किया जाएगा। जिसके लिए टैबलेट आवंटित किया जाएगा। भारत सरकार के अभियान के तहत आंगनबाड़ी जाने वाले लक्षित 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों तथा स्कूल जाने वाले 6 वर्ष 19 वर्ष तक के बच्चों एवं स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकर्ता द्वारा गृहभ्रमण कर अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 द्वारा निर्गत निर्देश जैसे- सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग आवश्यक होगा। जिले में 23,32,362 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

फरवरी में चलाया जाएगा अभियान, आंगनबाड़ी सेविका को किया जाएगा प्रशिक्षित:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंदेश्वर सिंह ने बताया प्रदेश के 31 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत होगी। सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिनकी निगरानी में स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इस दवा के सेवन से वंचित रहने वाले सभी छूटे हुए बच्चों को चिह्नित कर उन्हें विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लाकर दवा खिलाई जाएगी।

दवा का सेवन कराते समय बरतनी होगी यह सावधानी:
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा है और वह नियमित रूप से दवा खा रहा है, कोई भी बच्चा सर्दी ,खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ से बीमार है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को चुरा बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष एक पूरी गोली चुरा बनाकर पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खिलाया जाना है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उद्देश्य:
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों के समग्र स्वास्थ्य पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष की आयु के बीच के विद्यालय जाने से पहले और विद्यालय आयु के बच्चों (नामांकित तथा गैर नामांकित) को कीड़े समाप्त करने की दवा(कृमि नाशक दवा) देनी है।