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ठंड के साथ बढ़ रहे कोरोना संक्रमण में बचाव के लिए सतर्क और सावधानी जरूरी

जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 4238 पर, स्वस्थ हो चुके हैं 4113 लोग

  • तापमान में लगातार हो रही गिरावट से बढ़ी लोगों की परेशानी
  • हर स्थिति में मास्क का उपयोग व शारीरिक दूरी का करें पालन

किशनगंज(बिहार)लगातार गिर रहे कुहासा से मौसम का मिजाज पूरी तरह ठंड में तब्दील हो गई है। जिसके कारण भारी ठंड का एहसास होने लगा और लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। ऐसे में कोविड-19 एवं ठंडजनित शारीरिक परेशानी से दूर रहने के लिए सावधान और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चे और बुजुर्गों को तो और सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, बच्चे और बुजुर्गों का रोग-प्रतिरोधक क्षमता युवाओं के सापेक्ष कमजोर होता है। जिसके कारण मौसमी बीमारियों के चपेट में आने का अधिक संभावना रहता है। इसलिए, खुद के साथ बच्चे और बुजुर्गों का भी विशेष ख्याल रखें। कोरोनाकाल में संक्रमण के साथ भ्रांतियों व अफ़वाहों के बीच लोग भले ही खौफजदा रहें लेकिन जल्द ही वैक्सीन मिलने की सूचना से लोगों में कौतूहल बना हुआ है। लेकिन अभी भी कोरोना की वैक्सीन आने में देरी है और लोगों को और भी सतर्क रहना होगा।
जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 4238 पर, स्वस्थ हो चुके हैं 4113 लोग:
जिले में कोरोना संबंधी जांच के लिए अब तक 2 लाख 44 हजार 849 लोगों के सैंपल लिये गये हैं। इसमें 2 लाख 26 हजार152 लोगों के प्राप्त जांच नतीजों में कुल 2 लाख 41 हजार 102 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ कर 4238 पर जा पहुंची है। जिले में कोरोना महामारी से ठीक होने का दर 97.1 फीसदी से अधिक है। जिले में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या फिलहाल 110 है।इसमें 76 संक्रमित होम आइसोलेशन में इलाजरत हैं।01 मरीज का इलाज जिला के डाइट सेंटर पर बनाये गये विशेष कोविड केयर अस्पताल में चल रहा है। हर दिन सामने आ रहे संक्रमण के नये मामलों को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बेहद गंभीर है।

कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को ठंड के मौसम में होती है अधिक परेशानी :
ठंड के मौसम में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति को पूर्व के अनुसार अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मसलन, जो व्यक्ति इस मौसम के दौर में संक्रमित हो जाते हैं। उन्हें स्वस्थ होने एक माह के करीब का समय लग रहा है। इसलिए, वर्तमान दौर में कोविड-19 से बचाव के लिए और सतर्क रहने की जरूरत है। ताकि इन परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़े।

ठंड के मौसम सर्दी-खाँसी और बुखार हो जाती आम बीमारी:
ठंड के आगमन के साथ ही सर्दी-खाँसी, बुखार, साँस संबंधी परेशानी समेत अन्य मौसमी बीमारियों का भी दौर शुरू हो जाता और यह आम बीमारी बन जाती है। यानी यह किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। ऐसे में सतर्क और सावधान रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए प्रतिदिन धूप लगाएँ, सुबह में टहलें। इससे शरीर में प्राकृतिक रूप से गर्मी बनी रहेगी। जिससे आप उक्त परेशानी से दूर रह सकते हैं।
बचाव ही कोरोना का सबसे बड़ा इलाज है :
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कहा कि मास्क नहीं पहनने के हजारों बहाने हो सकते है। लेकिन मास्क पहनने का कारण सिर्फ ज़िम्मेदारी है। इसलिए अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी निभाएं। मास्क को अपनी ढाल बनाएं और दो गज की दूरी का पालन जरूर करें। वैक्सीन आने तक बचाव ही कोरोना का सबसे बड़ा इलाज है। इसलिए सतर्कता व सावधानी बरतना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कोरोना के लक्षण आने में एक से दो हफ्तों का समय लगता है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि हम मास्क का उपयोग करें और बाहर सिर्फ जरूरी काम से ही जाएं। बाहर जाने पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वहीं खांसी, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ़, स्वाद की कमी जैसे लक्षण दिखते ही कुछ समय के लिए खुद को परिवार तथा बाहरी लोगों से दूरी बना लें।
इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :

  • दो गज की शारीरिक-दूरी का हमेशा पालन करें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
  • मास्क का अनिवार्य रूप से पालन करें।
  • घर से बाहर निकलने पर सैनिटाइजर पास में जरूर रखें।
  • बाहर में लोगों से बातचीत के दौरान हमेशा आवश्यक दो गज की दूरी का पालन करें।
  • बार-बार साबुन या अन्य अल्कोहलयुक्त पदार्यों से हाथ धोने की आदत बनाएँ।