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हर मोर्चे पर पुरुषों से आगे हैं महिलाएं-प्रो. टंकेश्वर कुमार

हकेवि में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर व वेबिनार व विशेष चर्चा का हुआ आयोजन

हरियाणा(महेंद्रगढ़)महिलाएं मानव जाति के विकास और उसके उत्थान में आरंभ से ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती आईं हैं। अपने आसपास नजर डालने पर हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि महिलाएं किस तरह से आज के दौर में घर,परिवार व कार्यक्षेत्र में संतुलन बनाते हुए पुरुषों की अपेक्षा उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं की भूमिका देश-दुनिया के विकास में सदैव ही निर्णायक रही है और इसे जानते-समझते हुए हमारी पहली प्राथमिकता महिलाओं के लिए ऐसे आदर्श वातावरण का निर्माण करना है, जिसमें महिलाएं अपनी क्षमताओं का अधिकतम प्रदर्शन कर पाएं। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा व प्रो. सुनीता श्रीवास्तव भी उपस्थित रहीं।

विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की ओर से विशेष चर्चा का आयोजन किया गया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में महिला दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप मेें महज 16 वर्ष की उम्र में एवरेस्ट फतेह करने वाली शिवांगी पाठक उपस्थित रहीं। प्रातः आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञ मुख्य अतिथि शिवांगी पाठक ने अपने संघर्ष के पलों को प्रतिभागियों से साझा किया और बताया कि उन्होंने किस तरह से एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई का सफर तय किया। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि के लिए महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व हरियाणा सरकार की ओर से मिले सम्मान व प्रोत्साहन का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति ने छात्राओं के लिए उपयोगी विभिन्न योजनाओं व व्यवस्थाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी हमेशा ही कोशिश रहती है कि लड़कियों को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि लड़कियां बढ़ेंगी तो समाज व देश प्रगति करेगा। उन्होंने लड़कियों को बचाने व पढ़ाने से लेकर घर के बाहर बेटियों का नाम प्रदर्शित करने की परिपाटी का उल्लेख भी अपने संबोधन में किया।

इसी क्रम में विश्वविद्यालय के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ ने आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सहयोग से विशेष चर्चा का आयोजन किया। चर्चा को संबोधित करते हुए कुलपति ने महिलाओं के योगदान को महत्त्वपूर्ण बताया। इस आयोजन में प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं समय-समय पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर समाज व देश के विकास में योगदान दे रहीं हैं और आधी आबादी के बिना कोई भी परिवार, समाज, देश प्रगति नहीं कर सकता है। विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा ने भी विभिन्न स्तरों पर महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान से प्रतिभागियों को अवगत कराया। चर्चा में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 12 शोधार्थियों ने लैंगिक समानता पर अपने विचार रखें। डॉ. पायल चंदेल ने पेनल चर्चा का मोडरेशन किया जबकि मंच का संचालन डॉ. स्वाति ने किया। इस कार्यक्रम में प्रकोष्ठ की सदस्य सुश्री रेनु, डॉ. अनीता सहित प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. रेनु यादव ने विशेष भूमिका निभाई जबकि वेबिनार के आयोजन में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डॉ. सुरेंद्र कुमार, विभाग प्रभारी आलेख एस. नायक, डॉ. भारती बत्रा की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही।