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पारंपरिक कत्थक नृत्य की अनोखी प्रस्तुति से विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला गुलजार

सारण:बिहार के सोनपुर में पारंपरिक कत्थक नृत्य की अनोखी प्रस्तुति से विश्वप्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला का पर्यटन विभाग का मुख्य सांस्कृतिक मंच गुलजार हो उठा। जहां ग्यारहवीं की छात्रा लावण्या के भावविभोर करने वाले अनोखी प्रस्तुति से मंच के सामने बैठे दर्शकों ने भरपूर आनन्द उठाया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पटना से पहुंची लावण्या द्वारा कत्थक नृत्य के विभिन्न स्वरूपों को मंच पर प्रस्तुत किया। जिनके द्वारा सर्वप्रथम अवतरण, शिव वंदना, शुद्ध कत्थक नृत्य में थाट, उठान, आमद, तोड़ा, तिहाई और अंत में घुंघरू और तबले की जुगलबंदी से अपने नृत्य का समापन किया गया।

बताते चले कि बहुत कम समय में अपने पटना की रहनेवाली लावण्या राज अपने कला के माध्यम से बिहार के प्रमुख मंचो पर जिसमे बौद्ध महोत्सव, बिहार दिवस, कोशी महोत्सव, जानकी महोत्सव, देव महोत्सव, मंजूषा महोत्सव, कोटेशवर महोत्सव, मुणडेशवी महोत्सव सहित अन्य मंचो पर अपने प्रस्तुति से दर्शको के बीच लोहा मनवाया है।

वही जिला प्रशासन सारण की ओर से लावण्या राज को सम्मानित किया गया और लावण्या के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाए दी गई। वही मंच पर संगत कर रहे कलाकारों में बोल पढंत पर लावण्या के गुरु राजीव रंजन, गायन और हरमोनियम पर कमलेश कुमार सिंह, तबले पर राजेश कुमार सिंह शामिल रहे।

अन्य कलाकारों ने पारंपरिक लोक नृत्य की ऐसी छटा बिखेरी की बिहार के ग्रामीण अंचलों की लोक संस्कृति जीवन्त हो उठी। रंजीत कुमार के संयोजन में कलाकारों ने सर्प्रथम झूमर नृत्य की शानदार प्रस्तुति की। इसके बाद मिथलांचल की चर्चित लोक नृत्य जट जटिन की प्रस्तुति कर दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया। नृत्य में नायक नायिका की नोक झोंक, प्यार मोहबत से दर्शक रोमांचित रहे। वही बारहमासा नृत्य की प्रस्तुति ने बारहों महीने की विविधता भरी संस्कृति से परिचित कराया।