आशा की लापरवाही से सोंधानी गांव की बच्ची की गयी जान

भगवानपुर हाट (सिवान)थाना क्षेत्र के सोंधानी गांव के मनोज दुबे की एक वर्षीय बच्ची की मौत जेई (जपानी इंफेंटलाटीस)की सुई पड़ने से दिनांक 19/7/19 को हो गई । परिजनों का कहना है कि आशा कार्यकर्ता के द्वारा  18 जुलाई को विटामिन ए की दवा पिलाने के कुछ देरी बाद जेई की सुई दी गई। सुई लगने के बाद बच्ची की तबियत बिगड़ने लगी तो उसे  निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान बच्ची का 19 जुलाई की मौत हो गयी।

आशा कार्यकर्ता श्रीमन्ती देवी द्वरा बच्ची के नाम से बने हेल्थ कार्ड पर विटामिन ए की खुराक 20 जुलाई को पिलाने की तारीख अंकित की गई है। अब प्रश्न उठता है कि मृत्यु के एक दिन बाद क्या बच्ची को आशा कब्र में निकाल कर दवा पिलाई है । इतना ही नहीं आशा कार्यकर्ता के द्वारा जेई की सुई जिस दिन दी गई है उसके एकमाह पीछे का डेट हेल्थ कार्ड पर अंकित किया गया है।

जिसकी तारिख 28 जून अंकित है। उसी आशा कार्यकर्ता द्वारा एक और एसटी वर्ग के जितेंद्र साह की बच्ची को विटामिन ए के खुराक के साथ जेई की सुई लगाई है। जिससे उसकी हालत बिगड़ने पर घर वाले उसे मसरख में शिशु रोग बिशेषज्ञ के यहां भर्ती कराकर इलाज कराया । कई दिनों तक जिंदगी व मौत से जूझने के बाद बच्ची की जान बच पायी है। जबकि दूसरे बच्चे को विटामिन ए की खुराक आशा द्वारा दी गई है उन बच्चों को कुछ नहीं हुआ है।

लेकिन जिन्हे सुई दी गई उनकी हालत खराब हुई। इससे साफ जाहिर होता है कि सुई या तो एक्सपायर थी या दूसरा कोई कारण होगा जो फायदा के स्थान पर बच्चों को नुकशान कर गया।जिससे आशा कार्यकर्ता के कार्य प्रणाली पर प्रश्न उठना स्वभाविक है। किन परिस्थितियों में उसने हेल्थ कार्ड पर बैक डेटिंग की और क्यों?

इस  सम्बन्ध में प्राभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अनिल कुमार से बात करने पर उनका कहना है कि विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है। सुई नहीं दिया गया है परन्तु सुई देने की बात हुई है तो यह जांच का विषय है।दोषी पाए जाने पर आशा कार्यकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी।

One thought on “आशा की लापरवाही से सोंधानी गांव की बच्ची की गयी जान

  • July 23, 2019 at 10:58 pm
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    इस समाज में सुधार की जरूरत है बदलाव की जरूरत है जो नहीं हो रही है जहां देखिए वहां लापरवाही जहां देखी वहां भ्रष्टाचार समाज में सुधार लाने के लिए जातिवाद से ऊपर उठकर, परिवारवाद से ऊपर उठकर समाज के प्रति काम करना पड़ेगा और बदलाव लाने में यदि किसी की अहम भूमिका होती है तो वह देश की जनता है हमारी जहां तक समझ मैंने कहा।

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