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अंसार मोहल्ला में बैंडबाजा, डीजे, आतिशबाजी व नाच-गाने पर प्रतिबंध

धनबाद(झारखंड)निरसा के अंसार मोहल्ला में रविवार की देर रात मुस्लिम समाज की एक बैठक की गई। बैठक में निरसा क्षेत्र के सभी इमाम एवं अवाम शामिल हुए। उपस्थित सदस्यों के बीच राय मशवरा किया कि अब इस्लाम धर्म के अनुसार जो भी निकाह होंगे उस निकाह में ना बाजा, ना आतिशबाजी, ना ही नाच गाने की जायेगी एवं रात्रि 11 बजे तक निकाह पर पाबंदी होगी। अगर किसी कारण वश देरी हुई तो निकाह अगले दिन सुबह फजर के नमाज के बाद निकाह पढ़ी जाएगी। इस कानून को नहीं मानने पर जुर्माना की बात पर कहा गया कि इस्लाम में जुर्माना लगाने का कोई नियम नहीं है थोड़ा समय लगेगा। परंतु सभी इस नियम से खुश होंगे। मौके पर उपस्थित अब्दुल मजीद कादिरी मिस्बाही ने बताया कि सुन्नी मुस्लिम कमिटी द्वारा जो निर्णय लिया गया है वह समाज हित में है। शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आएंगी। लेकिन समाज के लोगों के लिए यह हितकारी साबित होगा। फैशन के दौर में शादी विवाह में लोग अपने दिखावे के लिए जरूरत से ज्यादा खर्च करते हैं और हमारा इस्लाम यह कभी नहीं कहता है कि शादी विवाह में गाजे बाजे एवं आतिशबाजी में फिजूल खर्च करें। इस कानून को लागू करने को लेकर सभी के साथ बैठक की गई हैं। सभी के विचार विमर्श से यह निर्णय हुआ कि यह कानून पूरे निरसा में नियम लागू हो गया है। जिनकी भी लड़के एवं लडकिया का निकाह हो वे अपने रिश्तदारों को सूचित कर दे कि यह नियम लागू हो चुका है। इस नियम के तहत निकाह होगी। अक्सर यह पाया गया है कि शादी विवाह के दौरान बराती के द्वारा उद्दंडता की जाती है। इन तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है जिससे निकाह में फिजूल के खर्चो से बचा जा सके। इस बैठक में निरसा क्षेत्र इमाम व सदर सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित हुए। सभी ने इस नियम को पारित करते हुए कहा कि यह समाज हित मे लिया गया निर्णय है हम सभी इसका पालन करेंगे।