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यूनिकोड यहां इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को मिला इंटर्नशिप का अवसर



हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है। विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर उपलब्ध इंजीनियरिंग व बेचलर ऑफ वोकेशन (बी.वॉक.) पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कार्यक्षेत्र की आवश्यकताओं से अवगत कराने के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम से जोड़ा गया है।

इस प्रोग्राम के तहत विश्वविद्यालय के बी.टेक. इन सिविल इंजीनियरिंग के 32 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में व्यावहारिक प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त हुआ है। इन संस्थानों में पेटरोफेक, डीआरडीओ, दिल्ली, लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी), दिल्ली व नागौर, डीएलएफ, अडानी रियलिटी, गोदरेज प्रोपर्टीज के नाम प्रमुख हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को मिले इस अवसर के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण विद्यार्थियों में रोजगार क्षमता के विकास के लिए आवश्यक है और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से विद्यार्थियों को अवश्य ही लाभ मिलेगा।


विश्वविद्यालय सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सह-आचार्य डॉ. विकास गर्ग ने बताया कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग पाठ्यक्रम का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होती है। इस ट्रेनिंग के अंतर्गत विद्यार्थियों को कक्षा में प्राप्त जानकारी को व्यावहारिक रूप से जानने-समझने का अवसर मिलता है। हमारी कोशिश होती है कि विद्यार्थियों को इस 45 दिनों के व्यावहारिक प्रशिक्षण हेतु बेहतर से बेहतर संस्थानों में काम करने का अवसर प्रदान किया जाए। इसी कोशिश के परिणामस्वरूप विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित 15 संस्थानों में प्रशिक्षण का अवसर उपलब्ध कराया गया है। इनमें प्रिज्म जॉनसन लिमिटेड, फिडेस्टो प्रोजेक्ट्स, बी.एल. गुप्ता कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, जी.डी. बिल्ट टेक प्रा.लि., यूनीहॉर्न इंडिया आदि शामिल हैं।


डॉ. विकास गर्ग का कहना है कि इस ट्रेनिंग में अर्जित ज्ञान विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम पूर्ण करने में सहयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ मिलने वाला यह प्रशिक्षण अवश्य ही विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की जरूरतों को समझने और उनके अनुरूप ढलने में मददगार साबित होगा। स्पष्ट शब्दों में कहें तो विद्यार्थियों की उपयोगिता इंडस्ट्री के लिए बढ़ाने में यह प्रशिक्षण सहयोगी साबित हो रहा है।