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कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में डेंगू से भी सतर्कता जरुरी, 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस

• सोशल मीडिया से डेंगू पर जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
• राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को लिखा पत्र
• इस वर्ष की थीम – ‘‘इफेक्टिव कम्युनिटी इंगेजमेंट: की टू डेंगू कंट्रोल’’

अररिया(बिहार)कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने कई स्वास्थ्य दिवस के आयोजनों को भी प्रभावित किया है. प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया जाता है परंतु इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस दिवस पर किसी प्रकार की जागरूकता रैली या सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा. इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 के मद्देनजर राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर आम जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि माध्यमों का सहारा लिया जाए. इस वर्ष के राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम- ‘‘इफेक्टिव कम्युनिटी इंगेजमेंट: की टू डेंगू कंट्रोल’’ रखी गयी है. बरसात शुरू होते ही मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू एवं चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है. मच्छरों से फैलने वाले इन दोनों रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य के साथ जिला भी पूर्व से ही सतर्क है.

मच्छरों से रहें सावधान :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर अजय सिंह ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगती है. वहीँ चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक होती है. गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकती है. डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है. तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द ,जी मचलाना एवं उल्टी होना ,आँख के पीछे दर्द. त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान ,नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव ,काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण होते हैं.

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सिंह ने बताया तेज बुखार का उपचार हेतु एस्प्रिन अथवा ब्रुफेन की गोलियां का कदापि इस्तेमाल ना करें इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। यदि किसी व्यक्ति में पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. वैसे व्यक्ति में दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल से संपर्क करें.

ऐसे करें बचाव:

• घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें ,कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें.
• सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें. मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें.
• पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें.
• आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें. जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें.
• खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें. जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें.
• डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें.