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रंगदारी व्यवस्था के डर से लोग बिहार में उद्योग लगाने से डरते थे:मनीष वर्मा

सीवान(बिहार)जिले के दो दिवसीय दौरे पर आये जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने महादेवा रोड स्थित होटल माहिका में आयोजित प्रबुद्ध नागरिकों एवं युवाओं के साथ विमर्श पर आधारित ‘बिहार संवाद’ कार्यक्रम में शिरकत की।इस कार्यक्रम में सांसद विजयलक्ष्मी देवी,जदयू के जिलाध्यक्ष चंद्रकेतु सिंह, प्रमंडल प्रभारी रणविजय सिंह, पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा व हेमनारायण साह भी मुख्य रूप से मनीष वर्मा के साथ उपस्थित रहे।जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जदयू की विचारधारा समाजवादी विचारधारा है। सबको समानता का अधिकार मिले, अमीर- गरीब, जाति-धर्म में बिना भेद किये सबका विकास करना, इसके मूल में है। बिहार की जिस परिस्थिति में जदयू की नींव रखी गई, वह शासनकाल ऐसा था जिसमें अगड़े-पिछड़े को लड़वाने का काम होता था। प्रदेश में गुंडा व माफियाराज के कारण असुरक्षित वातावरण था। मां-बेटियों सहित परिवार व समाज का हर व्यक्ति असुरक्षित था। उस स्थिति में जदयू की नींव रख बिहार को बदलने का काम नीतीश कुमार ने किया। उन्होंने कहा 2005 से पहले के सिवान को याद करिए, हर किसी को अपनी जान की चिंता होती थी, परिवार का कोई व्यक्ति शाम को घर देर से आये तो घर के लोगों को लगता था कि कहीं उसकी किडनैपिंग तो नहीं हो गई। ऐसी स्थिति में सरकार में आते ही नीतीश कुमार ने अपराधियों को या तो जेल में डाल दिया या फिर जो अपराधी नहीं सुधर सकते थे, उन्हें बिहार छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया।

नीतीश कुमार ने सर्वप्रथम बिहार में शांति का माहौल बनाया जो विकास के लिए अत्यंत आवश्यक था। 2005 से पहले न स्कूल थे, न स्कूल में छत था। स्कूल तो किसी के दरवाजे पर चल रहा होता था। उस स्थिति में नीतीश कुमार ने सभी के लिए शिक्षा को सुलभ बनाया। चाहे दलित, पिछड़ा-अत्यंत पिछड़ा वर्ग हो या अल्पसंख्यक वर्ग, सभी के बच्चों को स्कूल भेजने की सुलभ व्यवस्था बनाई। युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था की और निरंतर सरकारी पदों पर भर्ती जारी रखी।

महिलाओं को आर्थिक विकास के प्रक्रिया में सहभागी बनाया। बेटियों की शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए हर पंचायत में 10+2 स्कूल खोला। आज बिहार के प्रत्येक क्षेत्र में और प्रत्येक सरकारी सेवा में बेटियां बिहार का नेतृत्व कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि पहले लालटेन व्यवस्था थी, अब राज्य में बिजली व्यवस्था है। नीतीश कुमार ने योजनाओं के माध्यम से समाज परिवर्तन की बुनियाद रखी है। बिहार में शांति का माहौल बनाया, बिजली-सड़क को हर घर तक पहुंचाया। तभी आज बिहार में बड़े-बड़े उद्योगपति निवेश कर रहे हैं। असुरक्षा के माहौल में कभी कोई उद्योग नहीं लगता इसलिए नीतीश कुमार ने पहले उद्योग लगाने लायक माहौल बनाया। आज इसी कारण बिहार में अरबों के निवेश हो रहे हैं। बिहार में एथेनॉल प्लांट, चमड़े, कपड़ों आदि के उद्योग तेजी से स्थापित हो रहे हैं जिससे जल्द ही बिहार में रोजगार की समस्या का भी समाधान हो जायेगा।

उन्होंने कहा युवाओं पर बिहार को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है क्योंकि सबसे ज्यादा युवा प्रदेश बिहार है। यदि हम इन्हें सही दिशा में शिक्षित करें और कुशल बनाएं तो निश्चित रूप से ये हमारे बिहार के भविष्य को सुंदर बनाएंगे। उन्होंने युवाओं को राजनीति से जुड़ने का भी आह्वान किया।

अंत में उन्होंने उपस्थित प्रबुद्ध लोगों एवं युवाओं से कहा कि यह निर्णय लेने का समय है कि हम बिहार को किसे सौंपना चाहते हैं, बिहार को बर्बाद कर अपनी झोली भरने वालों को या बिहार को संवारने वाले नीतीश कुमार को। यह निर्णय आपको लेना है और निर्णय लेने के पश्चात हमें उस दिशा में कार्य करने को समर्पित करना है।