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बिहार के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी होगी पढ़ाई

पटना:बिहार के सभी सरकारी और गैर सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी में भी पठन-पाठन होगा। साथ ही विद्यार्थियों को हिन्दी में उत्तर लिखने का विकल्प मिलेगा और ऐसे करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इन्हें सुनिश्चत कराने के लिए विज्ञान एवं प्रावैधिक विभाग ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश जारी किया है।
विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्राचार्यों को भेजे पत्र में कहा है कि बिहार के सात निश्चय-2 के तहत यह निर्णय लिया गया है, जिसमें तकनीकी शिक्षा को हिन्दी में भी उपलब्ध कराने की बात कही गई है।

प्राचार्यों को निर्देश है कि सभी पॉलिटेक्निक संस्थानों में सत्र 2022-23 से तकनीकी शिक्षा को सरल बनाने के लिए पठन-पाठन हिन्दी में भी प्रारंभ किया जाए। बिहार राज्य प्रावैधिकी शिक्षा पर्षद परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र हिन्दी में भी उपलब्ध कराएगा। कॉलेज हिन्दी भाषा में लिखी तकनीकी शिक्षा की पुस्तकों की भी खरीद की जाएगी और उन्हें पुस्तकालयों में रखा जाएगा।विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने कहा है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के स्तर से डिप्लोमा स्तरीय पुस्तकों का प्रकाशन हिन्दी में कराये जाने की सूचना प्राप्त हुई है, इसलिए परिषद से संपर्क ।

हिन्दी में पुस्तक लिखने पर एक लाख रुपये मिलेंगे

प्राचार्यों को भेजे पत्र में यह भी कहा गया है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा पर्षद, नई दिल्ली द्वारा भी पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए हिन्दी भाषा में मौलिक पुस्तकों को लिखने के लिए प्रोत्साहन के रूप में एक लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना का लाभ पॉलिटेक्निक संस्थानों में कार्यरत व सेवानिवृत्त शिक्षक उठा सकते हैं। इसका प्रचार-प्रसार प्राचार्य अपने स्तर से भी कराएंगे।
कॉलेजों में तकनीकी विषय की पत्रिकाओं की खरीद होगी

हिन्दी भाषा में उपलब्ध तकनीकी विषय की पत्रिकाएं एवं जर्नल्स भी नियमित रूप से पुस्तकालयों में रखे जाएं और उसे विद्यार्थियों के लिए सुलभ बनाया जाए। तकनीकी विषय के मानक पुस्तकों, पत्रिकाओं एवं जर्नल्स की सूची तैयार करने के लिए विभाग के स्तर पर एक समिति भी गठित की जा रही है। उक्त निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए राज्य प्रावैधिक पर्षद, पटना को नोडल संस्थान बनाया गया है।