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अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में हकेवि प्रयासरत, विशेषज्ञ व्याख्यान का हुआ आयोजन

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में पर्यावरण अध्ययन विभाग द्वारा शून्य अपशिष्ट परिसर पहल और प्लास्टिक- बढ़ती समस्या विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन,असम सरकार के सलाहकार व परामर्शदाता डॉ. संजय के गुप्ता विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। बता दें कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर को जीरो वेस्ट परिसर बनाना कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार की प्रमुख पहलों में से एक है। विश्वविद्यालय कुलपति ने कहा कि हमारी दैनिक गतिविधियों में अपशिष्ट की उत्पादकता बहुत बढ़ गई है। ऐसे में अपशिष्ट का प्रभावी प्रबंधन हमारे लिए चुनौती बन गया है।उन्होंने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। कुलपति ने कहा कि आज के विशेषज्ञ व्याख्यान के माध्यम से इस चुनौती से निपटने में बल मिलेगा।
कार्यक्रम में विशेष वक्ता डॉ. संजय के गुप्ता ने विश्वविद्यालय में कचरा उत्पन्न करने वाले विभिन्न स्थलों का दौरा किया। विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही अपने कचरे के प्रबंधन में आत्मनिर्भर होगा। उन्होंने कहा कि स्क्रैप को कबाड़ से जुगाड़ के रूप में पुनरूउपयोग किया जा सकता है, बायोडिग्रेडेबल कचरे को खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर को आदर्श इकाई में बदलने पर जोर दिया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि उत्पन्न कचरे का 90 प्रतिशत पुनरूउपयोग और पुनर्नवीनीकरण किया जाता है, और केवल 10 प्रतिशत या उससे कम डंपिंग के लिए छोड़ दिया जाता है। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड सांइसेज की अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान ने उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया और कचरे के प्रबंधन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संयोजक बायोकेमेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पवन कुमार मौर्य, पोषण जीवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कांति प्रकाश, पर्यावरण अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोना शर्मा तथा एक्सईएन डॉ. रणवीर सिंह ने बताया कि यह व्याख्यान शून्य अपशिष्ट से संबंधित रणनीतियां बनाने की दिशा में एक कदम है। डॉ. मोना शर्मा ने शून्य अपशिष्ट परिसर बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विद्यार्थी किस तरह से कचरे के निपटान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. पवन कुमार मौर्य ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभिन्न पीठों कि अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।