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मधेपुरा में आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ अन्नप्राशन एवं टीकाकरण गतिविधियों का आयोजन

कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर जागरूक करती दिखीं सेविकाएँ:
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति हेंब्रम एवम् पिंक लता ने किशोरों को प्रेरित कर करवाया टीकाकरण:

मधेपुरा(बिहार)जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर शनिवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने पोषक क्षेत्र के छः माह से अधिक वर्ष के बच्चों को अन्नप्राशन कराया। अन्नप्राशन के साथ साथ बच्चों की माँ को बच्चे के 6 माह के बाद ऊपरी आहार की विशेषता बताते हुए अन्नप्राशन के महत्व की विस्तार से जानकारी दी। वहीं, बच्चों के सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उचित पोषण की जानकारी दी गई और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर माताओं को जागरूक किया गया। कुपोषण को मिटाने के लिए उचित पोषण की जरूरत पर जानकारी दी गयी।

सेविका एवं सहायिका ने अपने हाथ से कराया मुंहजूठी:
प्रखंड आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 98 सहित अन्य केंद्रों पर भी अन्नप्राशन गतिविधियों का आयोजन हुआ। केंद्र संख्या 98 पर सेविका रूपा कुमारी ने बच्चे का मुंहजूठी कराकर अन्नप्राशन कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्य का पर्यवेक्षण महिला सुपरवाइजर मिताली कुमारी द्वारा किया गया। एलएस मिताली कुमारी ने बताया कि अन्नप्राशन के तहत 6 माह के ऊपर के बच्चों को ऊपरी आहार दी जाती है। मिताली एवम् उसके क्षेत्र की सेविकाएं लगातार अपने अपने क्षेत्र की महिलाओं को बच्चे के सही पोषण एवं साफ सफाई का ध्यान रखने के लिए लगातार प्रेरित करती हैं।

अन्नप्राशन के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी :
छः माह तक शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान ही पर्याप्त होता है। इस दौरान किसी भी तरह का ऊपरी आहार या पानी भी बच्चे को नहीं देना चाहिए। छह माह के बाद बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है। छह माह के बाद शिशु का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है। ऊपरी आहार के माध्यम से उनकी पोषण की जरूरत पूरी होती है। ऊपरी आहार यानी अनुपूरक आहार देने के दौरान इस बात का ख्याल रखना जरूरी होता है कि आहार सुपाच्य हो। इसके लिए बच्चों को अर्द्धठोस भोजन देना चाहिए।

ज्योति हेंब्रम एवं पिंक लता ने करवाया किशोरों का टीकाकरण:
ग्वालपाड़ा प्रखंड के केन्द्र संख्या- 14 पर 15 से 17 वर्ष तक के किशोरों के लिए कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस केंद्र पर भी महिला पर्यवेक्षिका मिताली कुमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्य का मॉनिटरिंग करती दिखीं। टीकाकरण कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति हेंब्रम एवम् पिंक लता सहयोग करती दिखीं। 15 से 17 वर्ष के किशोरों को प्रेरित कर टीके का दूसरा डोज समय पर लेने के लिए दोनों कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को टीका लगवाने के लिए लगातार प्रेरित करती हैं। ज्योति हेंब्रम बताती हैं कि वे कोरोना टीकाकरण के शुरुआती दौर से लोगों को टीके का डोज समय से लगवाने को प्रेरित करते आ रही हैं। वहीं पिंक लता बताती हैं कि वह अपने क्षेत्र में विशेषकर किशोरों एवं युवाओं को प्रेरित कर टीका लगवाने का कार्य कर रही हैं।