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एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक करने हेतु सिविल सर्जन द्वारा किया गया जागरूकता रथ का किया रवाना

17 से 23 दिसंबर तक गांवों में घूम घूम कर लोगों को एचआईवी बचाव की दी जाएगी जानकारी
माइकिंग व वीडियो द्वारा लोगों को दी जाएगी जानकारी
23 दिसंबर से 15 जनवरी तक महिलाओं की एचआईवी जांच के लिए लगाया जाएगा कैम्प

पूर्णिया(बिहार)एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने और महिलाओं की एचआईवी जांच के प्रति आगाह करने हेतु जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा द्वारा जागरूकता रथ का शुभारंभ किया गया. रथ द्वारा गांव स्तर तक जाकर लोगों को एचआईवी संक्रमण से बचाव व जांच के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य केंद्रों की जानकारी दी जाएगी. जागरूकता रथ को जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस मौके पर सिविल सर्जन के साथ ही डीआईओ डॉ. एस सी पासवान, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, यूनीसेफ एसएमसी मुकेश गुप्ता, डिटीएल केयर आलोक पटनायक, एचआईवी पीओ रविशंकर, एफओ गौतम कुमार एवं डीआईएस बी एन प्रसाद उपस्थित रहे.

17 से 23 दिसंबर तक चलेगा जागरूकता रथ :
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया लोगों को एचआईवी संक्रमण की जानकारी देने के लिए जागरूकता रथ चलाया जा रहा है. यह 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक गांव स्तर पर घूम-घूम कर लोगों को माइकिंग व वीडियो द्वारा एचआईवी संक्रमण व एड्स की जानकारी देगा. इस अभियान द्वारा विशेष रूप से महिलाओं को एड्स के प्रति जागरूक करना और उन्हें जांच के लिए जागरूक करना है. एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला से उनके होने वाले बच्चों को नुकसान न हो इसके लिए महिलाओं की जांच भी करवाई जाएगी और पॉजिटिव पाए जाने वाली महिलाओं व शिशु का विशेष ख्याल रखते हुए उन्हें संक्रमण से बचाया जा सकेगा.

23 दिसंबर से 15 जनवरी तक लगाया जाएगा कैम्प :
डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया लोगों के एचआईवी की जांच के लिए जिले में 23 दिसंबर से विभिन्न जगहों पर कैम्प का आयोजन किया जाएगा. आयोजित कैम्प 15 जनवरी तक चलेगा, जहां लोग अपने एचआईवी की जांच करवा सकेंगे. जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें नजदीकी अस्पताल में भेज जाएगा, जहां उनकी पुनः जांच की जाएगी. उसके बाद उन्हें जिला सदर अस्पताल में उपलब्ध एआरटी सेन्टर से जोड़ा जाएगा जहां उनकी नियमित जांच के साथ जरूरी दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी.

क्या है इस अभियान का उद्देश्य :
इस सम्बंध में डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी लोगों विशेषकर गर्भवती महिलाओं का एचआईवी जांच के साथ ही जरुरी परामर्श देना, एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव करवाना एवं जन्म से 18 माह होने तक नवजात शिशुओं की जांच व जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना है.