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बिहार में होने जा रही है शिक्षकों बंपर बहाली, नीतीश कैबिनेट से मिली मंजूरी

बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण,अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 के तहत दूसरे चरण में 70692 शिक्षक बहाल किये जाएंगे। इसके लिए कैबिनेट ने उन पदों कोे मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने ये जानकारी दी। कैबिनेट में 45 एजेंडों पर मुहर लगाई।

शिक्षा सेवकों को शिक्षक की अनुपस्थिति में पढ़ाना होगा

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि महादलित टोलों में काम कर रहे 20000 शिक्षा सेवक और 10000 शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) के साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिये संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 9825 विकास मित्रों का मानदेय तो एक मुश्त बढ़ाया ही गया है, अब हर वर्ष पहली जुलाई की तिथि से मानदेय में 5 फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी। शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज को अब स्कूलों में शिक्षक की अनुपस्थिति में कक्षा 1 और 2 में अब पढ़ाना भी होगा।
शिक्षा विभाग में वर्ग 11 और 12 के लिये 18830 शिक्षक, वर्ग 9 और 10 के लिये 18880 शिक्षक और वर्ष 6 से 8 के लिये 31982 शिक्षकों के पद सृजन की मंजूरी दी गई है। इसके लिये 69692 पदों को शिक्षा विभाग में प्रत्यार्पित कर दिया गया है। इन शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी करेगा। वहीं पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन भी 1000 शिक्षकों की नियुक्ति होगी।

प्रधानाध्यापक पद की परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुभव का मानक घटा
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक संशोधन नियमावली 2023 को भी मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत प्रधानाध्यापक पद की परीक्षा में शामिल होने के लिये अनुभव का मानक 10 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष कर दिया गया है। वहीं आगे होने वाली परीक्षा के लिये परीक्षा प्रारूप और पाठ्यक्रम में संशोधन अब शिक्षा विभाग और बीपीएससी मिलकर करेगा।