Home

किशनगंज में कोरोना संक्रमित माता ने स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म

• चिकित्सकों की देख-रेख में प्रसव हुआ संपादित
• कोरोनो के दिशानिर्देश के साथ कराया जा रहा संस्थागत प्रसव
• संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल का चुनाव बेहतर विकल्प

किशनगंज(बिहार)वर्तमान कोरोनो काल में लोगों के मन मे सुरक्षित प्रसव को लेकर काफी भ्रांतियां है. लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी ने इस मिथक को तोड़ दिया है. सदर अस्पताल में 14 एवं 15 अक्टूबर को शहर की दो कोरोना संक्रमित माता ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. प्रसव के बाद माँ और शिशु दोनों बिल्कुल सुरक्षित हैं और बच्चे कोरोना संक्रमित भी नही हुए हैं.

संस्थागत प्रसव को संक्रमण से बचाने की पूरी तैयारी:

सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया जिले के सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव शत-प्रतिशत सुरक्षित है. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के प्रसव कक्ष, प्रसव टेबल एवं अन्य तकनीकी सामग्रियों को विसंक्रमित किया गया है. साथ ही प्रसव से जुड़े सभी एएनएम , डॉक्टर एवं आशा को संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट ,ग्लब्स , मास्क एवं हेड कैप आदि का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है. उन्होंने बताया यदि कोई माता प्रसव काल में संक्रमित हो जाती है तो उनके सुरक्षित प्रसव के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. यह गर्व की बात है कि संक्रमित प्रसूता के जो दो प्रसव कराये गए हैं, दोनों जच्चा और बच्चा सुरक्षित हैं. माता से संक्रमण का प्रसार शिशु को न हो, इसके लिए कोरोना के दिशानिर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जा रहा है। कोरोना के समय जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सदर अस्पताल में भी कोरोना के दिशा निर्देश का पालन करते हुए सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कोरोना संक्रमण काल में सरकारी अस्पताल संस्थागत प्रसव के लिए सबसे बेहतर विकल्प है.

चिकित्सकों को दिया धन्यवाद :

प्रसूता रोजी खातून के पति एजाज आलम ने बताया उन्हें पहले नही पता था कि उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित है और न ही उनमें ऐसा कोई लक्षण था. उन्हें जांच रिपोर्ट के बाद पता चला कि प्रसूता कोरोना पॉजिटिव है. उन्होंने बताया जब उन्हें यह बात पता चली तो वह काफी सहम गए थे. आस-पास के माहौल को देखकर उन्हें यह यकीन सा हो गया था कि प्रसव के दौरान समस्या होनी तय है. एक समय के लिए तो वह यह भी मान बैठे थे कि जन्म लेने वाला शिशु भी कोरोना संक्रमित हो जायेगा. लेकिन उनकी यह सोच गलत साबित हुयी. दूसरी प्रसूता नजमुन निशा के पति मंसूर आलम ने भी बताया प्रसव के बाद माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. साथ ही उन्होंने इसके लिए चिकित्सकों को धन्यवाद भी दिया.

बिना लक्षण वाले कोरोना प्रसूता की उचित देखभाल जरुरी:

सदर अस्पताल की महिला विशेषज्ञ डॉ. शबनम याशमीन ने बताया कोरोना का इस तरह से प्रसार हो रहा है कि कभी-कभी इसके लक्षण भी नहीं दिखते हैं। संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल काफी सुरक्षित है. कोरोना संक्रमित माता जिसे पता नहीं हो कि वह संक्रमित है एवं वह ऐसे निजी अस्पताल चली जाती है जहाँ कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं हो, वहाँ उनके लिए खतरा बढ़ सकता है। ऐसी परिस्थिति में यह माँ एवं बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बताया जहाँ तक रोजी खातून (प्रसूता) की बात है, उनका बच्चा उल्टा था. पहले नार्मल प्रसव के लिए पूरी कोशिश की गई. लेकिन सीवियर एनीमिक होने के कारण उनकी जांच की गयी. उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें तुरंत आइसोलेट किया गया. बाद में उन्हें खून भी चढ़ाया गया. उन्होंने बताया कोरोना संबंधित सभी मापदंडो को पूरा करते हुए सिजेरियन प्रसव के जरिये उनका सफलता पूर्वक सुरक्षित प्रसव कराया गया, जिसमे माँ और बच्चे दोनो सुरक्षित है। दूसरी प्रसूता (नजमुन निशा) का भी सफलतापूर्वक ऑपरेशन के द्वारा सुरक्षित प्रसव किया गया है जिसमे जच्चा ओर बच्चा दोनों सुरक्षित है।