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प्रत्येक मनुष्य को अपने आत्मा के उद्धार हेतु भागवत कथा का श्रवण करना चाहिये:गोबिंद महाराज

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के सोनवर्षा गांव में तीस जून से आठ जुलाई तक श्री हनुमान प्राण प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया है। यज्ञ विधि विधान से हरेराम शास्त्री एवं सहयोगी पुरोहितों के द्वारा सम्पूर्ण पूजन करवाया जा रहा है साथ ही वृंदावन से रास मंडली भी आई हुई है ।वही संध्या में यज्ञपूजन समापन के बाद प्रख्यात योग गुरु एवं भागवत कथा वाचक गोविन्द जी महाराज के द्वारा संगीतमय भागवत कथा का आयोजन भी किया गया हैं।

अबतक गोविन्द महाराज द्वारा भागवत कथा की महिमा का महात्म्य सुनाया गया।जिसमें महाराज ने भक्ति ज्ञान वैराग्य की कथा के साथ ही गोकर्ण धुंधुकारी की कथा सुनाई।गोविन्द महाराज ने कहा की कलयुग का प्रारम्भ होते ही भक्ति अपने दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य के साथ कष्ठ में पड़ गई।लेकिन जब अपने पुत्रों के साथ लेकर वृंदावन आई तब भक्ति महारानी का दुख दूर हो गया। लेकिन ज्ञान वैराग्य का दुख दूर नहीं हुआ।

क्योंकि अब ज्ञान और वैराग्य को धारण करने वाला कोई नहीं रह गया।लेकिन नारद जी के प्रार्थना से सनकादिक मुनियों ने हरिद्वार में गंगा के घाट पर भागवत सप्ताह का परायण किया।जिसके द्वारा भक्ति ज्ञान वैराग्य का कष्ट दुख दूर हुआ। इसलिय कलयुग में श्री कृष्ण की भक्ति ही सार है जो भगवत कथा के द्वारा सरलता से प्राप्त हो जाती है।इसलिये प्रत्येक मनुष्य को अपने आत्मा के उद्धार हेतु भागवत कथा का श्रवण करना चाहिये जिससे धर्म अर्थ काम मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति सम्भव हो जाती है। इस अवसर पर स्वामी नारायण दास त्यागी के अध्यक्षता में यज्ञ संचालित हो रहा है। साथ ही साथ ही समिति के संरक्षक मुना गुप्ता आदि समस्त ग्राम वासी उपस्तिथ थे।