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सर्दियों में अत्यधिक सतर्कता हो सकती है जरूरी, कई जिलों में देखी जा रही कोरोना की दूसरी लहर: डॉ. नंदन

  • बुजुर्गो को बरतनी चाहिए अधिक सावधानियाँ
  • सतर्कता से ही संभव है कोरोना से बचाव

किशनगंज(बिहार)सर्दी के मौसम का आगमन हो चुका है साथ ही साथ त्यौहारों का समय एवं होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव तीनों का एक साथ घटित होना कोरोना संक्रमण के हिसाब से बहुत ही खतरनाक सावित हो सकता है। देशों के कई हिस्सों में जहाँ कोरोना संक्रमण में कमी आयी थी इसके बाद जैसे जैसे त्यौहार का समय बीत रहा है, वहां कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देखी गई है। सिविल सर्जन डा. नंदन ने बताया ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सर्दी का मौसम कोरोना संक्रमण के हिसाब से सही नहीं रहेगा। साथ ही जिले में इस समय सर्दी का मौसम, हार एवं चुनाव कोरोना के दूसरे लहर को आमंत्रित कर सकता है। इस स्थिति में अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी ।

सीएस किशनगंज

सतर्कता से ही संभव है कोरोना से बचाव
सिविल सर्जन डा. नंदन ने बताया मौसम में बदलाव, त्यौहारों एवं चुनाव सार्वजनिक जगहों पर आना-जाना आदि कई ऐसे कारण एक साथ घटित हो रहे हैं जो कोरोना संक्रमण को गति प्रदान कर सकते हैं। हलांकि जिले में कोरोना की दूसरी लहर के अभी तक कोई संकेत अभी नहीं मिले है तथा रिकवरी रेट 94.3 है ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या दिन व दिन बढ़ रही है, संक्रमित होने वालों की संख्या में कमी आ रही है, जोकि अच्छे संकेत हैं।

बुजुर्ग लोगों को बरतनी चाहिए अधिक सावधानियाँ
सिविल सर्जन डा. नंदन ने बताया इस समय बुजुर्ग लोगों को ज्यादा सुरक्षित रहना अतिआवश्यक है। खासकर ऐसे लोग जो किसी अन्य रोग से पूर्व से ग्रसित हों को कोरोना संक्रमण का अत्यधिक खतरा है। खासकर जिले में होने जा रहे चुनाव में अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी बढ़ेगी। प्रत्येक स्तर के जनप्रतिनिधियों को कोरोना से बचाव के तरीकों का अच्छे ढ़ंग से उपयोग इस समय करना अत्यन्त आवश्यक है। साथ ही उन्हें अपने साथ चल रहे लोगों को कोरोना के नियमों का पालन करने को कहना चाहिए। इस दौरान मास्क के उपयोग की अनदेखी करना मंहगा पड़ सकता है। खासकर बोलते समय मास्क के उपयोग में परेशानी होती है, लेकिन अपनी बात करते समय मास्क से मुंह एवं नाक को ढ़के रहना आवश्यक है। साथ में सेनिटाईजर की छोटी बोतल अवश्य रखें ताकि समय-समय पर हाथों को सेनटाईज किया जा सके।

सतर्कता ही एकमात्र उपाय है कोरोना से बचने का
कोरोना से संक्रमित होने में घंटों या दिन नहीं लगते हैं, केवल कोरोना वायरस से संक्रमित के निकट का कुछ क्षण ही काफी हैं सिविल सर्जन डॉ नंदन ने बताया सतर्कता के साथ-साथ योग-व्यायाम और पौष्टिक आहार भी अभी के समय में बहुत जरूरी है। जाड़े में कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए योग-व्यायाम और पौष्टिक आहार बहुत जरूरी है। शरीर को निरोग रखने में योग-व्यायाम का बहुत महत्व है। जाड़े में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हल्दी दूध, तुलसी पत्ता, दालचीनी, अदरक, लौंग और गर्म पानी का सेवन बहुत लाभदायक होता है। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम जैसे योगासन बुजुर्ग व्यक्ति घर पर रहकर भी कर सकते हैं। डॉ श्री नंदन ने कहा कि समुदाय की जागरूकता से ही जिले में संक्रमण दर घटने के साथ-साथ बेहतर रिकवरी दर हासिल हुई है। सतर्क रहकर इसे बनाए रखने की जरूरत है।

कोरोना के प्रति सतर्कता को व्यवहार में उतारें :

डॉ नंदन के मुताबिक सर्दियों में सतर्कता को अपने व्यवहार में उतार कर हम कोरोना को मात दे सकते हैं। जिला प्रशासन की ओर से ‘सजग रहें, सतर्क रहें, परंतु भयभीत न हों’ का जो मंत्र दिया गया है, लोग उसका पालन करें। जिला प्रशासन की ओर से लोगों से अपील भी की जा रही है कि जैसे ही कोरोना के लक्षण महसूस हों तो तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन :

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।