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आनन फानन में राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग का किया गठन

जेडीयू के प्रदेश महासचिव को बनाया अध्यक्ष, प्रवक्ता अरविंद निषाद के अलावा दो अन्य सदस्य बनाए गए

पटना:राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनाव को लेकर उच्च न्यायालय के सामने आत्म समर्पण कर दिया। इसके कुछ घंटों के बाद ही नगर निकाय चुनाव के लिए आईबीसी आयोग बनाने की घोषणा कर दी।राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर आयोग का गठन कर लिया है। नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।

सरकार ने जेडीयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य को इस आयोग का अध्यक्ष बनाए गए है। वहीं, जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद को सदस्य नियुक्त किए गए है। इसके अलावा दो अन्य लोगों को सदस्य बनाया गया है। इसमें ज्ञान चंद पटेल तथा तारकेश्वर ठाकुर शामिल है। यह आयोग नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक रूप से अति पिछड़े वर्ग को लेकर अध्ययन करेगा। उसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। उसके मुताबिक आरक्षण की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

हुआ यह है की, उच्च न्यायालय पटना में नगर निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट नहीं कराने के एवज में रोक लगा दिया था। इसके बाद बिहार सरकार बैकफुट पर आ गई थी। उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए यह कहा था कि बिहार सरकार भी नगर निकाय के चुनाव में ट्रिपल टेस्ट कराएं। इसमें अति पिछड़ा वर्ग को लेकर आयोग का गठन करें। उनके आरक्षण को तय करें और यह आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा ना हो, यह भी तय करें।

हालांकि, बिहार राज्य चुनाव आयोग ने नगर निकाय चुनाव की घोषणा कर दी। 10 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को चुनाव होने थे। लेकिन हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया। इस चुनाव को लेकर नगर निकाय में खड़े होने वाले प्रत्याशियों ने तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने कैंपेनिंग शुरू कर दी थी। ऐन वक्त पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। बिहार के सियासत में इस पर खूब राजनीति हुई। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष एक दूसरे पर अति पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाते रहे। बिहार सरकार ने पुनर्विचार याचिका न्यायालय में दायर की थी। इसके बाद बिहार सरकार ने उसे वापस ले लिया और नए सिरे से चुनाव कराने की बात कही है।