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टीकापट्टी के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में किया गया विकसित

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं होंगी उपलब्ध: सीएस

लाखों आबादी वाले इलाके की प्रसव पीड़ित महिलाओं को दूर जाने की जरूरत नहीं : जिप अध्यक्ष

सैकड़ों की संख्या में मरीजों का किया जाता हैं इलाज: डॉ राज आर्यन

डॉक्टर साहब भगवान से कम नहीं: मुखिया

पूर्णिया(बिहार)उपस्वास्थ्य केंद्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करने का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराना है। साथ हीं समग्र स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने और बीमारियों से बचाव के मकसद से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का विकास किया जा रहा है। इस योजना को केंद्र सरकार के ईट राईट अभियान से भी जोड़ा गया है, जिसके तहत लोगों को समुचित पोषण आहार के बारे में जानकारी दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि बीमारियों को स्थानीय स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से जांचोपरांत समय रहते उनका निदान किया जा सके। रूपौली प्रखण्ड के टीकापट्टी गांव स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा, ज़िला परिषद की अध्यक्ष कांति सिंह, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, स्थानीय मुखिया शांति देवी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक, डिटीएफ डॉ देवब्रत महापात्रा, यूनिसेफ़ के डिविजनल कंसल्टेंट शिव शेखर आनंद, सीफार के प्रमंडलीय समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, एपीएचसी के चिकित्सक डॉ राज आर्यन, रूपौली के बीएचएम रंजीत कुमार चौधरी, केयर इंडिया के बीएम महमद हसन रज़ा सहित कई अन्य एएनएम व आशा कार्यकर्ता मौजूद थी।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं होंगी उपलब्ध: सीएस
सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया ज़िला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर रहने वाली गर्भवती महिलाओं को उनके नजदीकी एपीएचसी में ही प्रसव की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई है। 10 बेड वाले इस केंद्र पर प्रसव से जुड़ी हुई हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। शहरी इलाकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण उप स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि इन केंद्रों में गैर-संचारी बीमारियों जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ओरल, ब्रेस्ट और सर्विक कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य, ईएनटी, आंख की बीमारी, मुख से संबंधित बीमारियों के इलाज सहित अन्य बुजुर्गों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों, ट्रॉमाकेयर और योग गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। हालांकि अभी तक इन केंद्रों के द्वारा जच्चा-बच्चा, स्वास्थ्य देखभाल और संचारी बीमारियों का इलाज ही किया जाता था। लेकिन अब इन सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ ही दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल कर इनका व्यापक विस्तार किया जा रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आसपास के सभी लोगों को मुफ्त जांच, इलाज और दवा दिए जाने का भी प्रावधान है।

लाखों आबादी वाले इलाके की प्रसव पीड़ित महिलाओं को दूर जाने की जरूरत नहीं: जिप अध्यक्ष
ज़िला परिषद की अध्यक्ष कांति सिंह ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में शहर जैसी सुविधाएं मिलना यहां के लाखों लोगों के लिए गौरव की बात है। क्योंकिं हर तरह का उपचार या जांच तो होती थी लेकिन महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करने के लिए रूपौली या पूर्णिया जाना पड़ता था। कुछ तो वैसी भी प्रसव से पीड़ित महिलाएं होती थी जिन्हें प्रसव पीड़ा को लेकर हद से ज्यादा जूझना पड़ता था। हम खुद महिला हैं तो समझ सकती हूं कि प्रसव के समय कितनी पीड़ा होती है। यहां के ग्रामीणों की हमेशा से यह मांग होती थी कि एपीएचसी के चिकित्सकों द्वारा इलाज तो किया जाता लेकिन प्रसव से जुड़ी हुई समस्याओं के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। जिस कारण कभी कभी जच्चा व बच्चा दोनों को काफी समस्या हो जाती है।

सैकड़ों की संख्या में मरीजों का किया जाता हैं इलाज: डॉ राज आर्यन
टीकापट्टी गांव स्थित एपीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में तब्दील करने के पीछे की कहानी बताते हुए यहां पर पदस्थापित चिकित्सक डॉ राज आर्यन ने बताया जब मेरी पदस्थापना हुई थी तो इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या मात्र 10 से 15 थी। क्योंकिं यहां के मरीज इलाज कराने के लिए रूपौली या पूर्णिया चले जाते थे लेकिन बहुत ज्यादा परेशानी होती थी तो स्वास्थ्य विभाग व केयर इंडिया के सहयोग से यहां के ग्रामीणों खासकर गर्भवती महिलाओं को केंद्रित करते हुए प्रसूति से जुड़ी हुई हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। फ़िलहाल दो चिकित्सक, फार्मासिस्ट, 5 एएनएम की पदस्थापना की गई है। हालांकि सीएस के द्वारा और भी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है।

डॉक्टर साहब भगवान से कम नहीं: मुखिया
स्थानीय मुखिया शांति देवी ने बताया जब से डॉ साहब आये तब से यहाँ के मरीज अपना इलाज कराने के लिए कही और नहीं जा रहे हैं। यही पर उनलोगों का इलाज हो रहा है लेकिन महिलाओं की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए प्रसव कक्ष में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। कोई काम करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत पड़ती है जो यहां के चिकित्सक डॉ राज आर्यन में है। न उनका सहयोग सीएस ने किया है। हमलोगों के लिए इससे ज्यादा क्या चाहिए। हमलोगों के लिए भगवान के रूप में अवतरित होकर आए हुए हैं क्योंकि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते है।