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डीएम वैशाली एक्शन में,विद्यालय,आंगनबाड़ी समेत विभिन्न केन्द्रों किया औचक निरीक्षण

हाजीपुर(वैशाली)मुख्य सचिव बिहार सरकार के पत्र के आलोक में जिलाधिकारी के निदेश पर जिला स्तरीय,अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारियों के द्वारा वैशाली जिला के सभी प्रखंडों के चिन्हित 61 पंचायतों में सरकार की संचालित सभी योजनाओं की औचक जाँच की गयी।

स्वयं जिलाधिकारी के द्वारा वैशाली जिला के राजापाकड़ प्रखंड के जाफरपट्टी पंचायत में सुबह के आठ बजे से आंगनवाड़ी केन्द्र,विद्यालय,नल-जल एवं पक्की गली-नली योजना स्वास्थ्य उप केन्द्र की जाँच की गयी।इस दौरान जिलाधिकारी समाजिक सुरक्षा पेन्शन,इन्दिरा आवास एवं राशन कार्ड लाभुकों से मिले और उनसे जरूरी जानकारी प्राप्त किये। सर्वप्रथम जिलाधिकारी जाफरपट्टी पंचायत के वार्ड संख्या 12 गये जहाँ सड़क के किनारे दो बुजूर्ग महिलाएँ मिली जिनसे जिलाधिकारी ने पेन्शन और पीडीएस की राशन मिलने के बारे में पूछा। दोनों ही महिलाओं ने बताया कि उन्हें 400 रूपया प्रतिमाह पेंशन मिल रहा है और जन वितरण का राशन भी मिल रहा है।आगे बढ़ने पर एक स्कूली छात्र मिला जो बताया कि बगल के हाई स्कूल में 10 वीं में पढ़ता है।जिलाधिकारी उस छात्र को गाड़ी बैठाये और स्कूल दिखाने की बात कही।

वह विद्यालय राजकीय कृत शिवनंदन गया उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बाकरपुर था जहाँ जाकर जिलाधिकारी ने स्कूल की विधिवत जाँच की।विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में गर्मी की छुट्टी 23 मई से हुई है और विद्यालय 16 जून को खुलेगा।जिलाधिकारी के द्वारा विद्यालय का उन्नयन वर्ग कक्ष,पुस्तकालय,एवं शौचालयों को देखा गया।फिर प्रधानाध्यापक से उपस्थिति पंजी,अवकाश पंजी, निरीक्षण पंजी एवं कैशबुक की माँग की गयी।यहाँ पर अवकाश पंजी संधारित नही पायी गयी और विद्यालय का निरीक्षण भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा नहीं किया गया था जिस पर जिलाधिकारी ने फोन पर ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात कर नाराजगी प्रकट की एवं 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जबाब देने का निदेश दिया गया।जिलाधिकारी के द्वारा यहाँ पर पोषाक योजना, साइकिल योजना की जानकारी ली गयी। प्रधानाध्यापक द्वारा अभिभावक शिक्षक की बैठक नहीं किये जाने पर नाराजगी वयक्त करते हुए इसकी शुरुआत करने का निदेश दिया गया।इस विद्यालय के दिवालों पर गाँधी जी के सात वचन को लिखवाने का भी निर्देश दिया गया।इसके बाद जिलाधिकारी राजकीय मध्य विद्यालय हरपुर हरदास गये।वहाँ बच्चों की पढ़ायी चल रही थी।जिलाधिकारी ने वर्ग कक्ष में जाकर छोटे-छोटे बच्चों से प्यार से पूछा,दूसरे कक्षा की एक बच्ची से 10 से 1 तक उल्टी गिनती लिखवायी।शिक्षिका से अंग्रेजी की पुस्तक पढ़वायी।यहाँ के पठन-पाठन और विद्यालय संचालन पर जिलाधिकारी ने खुशी प्रकट की।बच्चों से जिलाधिकारी ने जो भी पुछा बच्चों के द्वारा उसका सही उत्तर दिया गया। जिलाधिकारी ने अपनी हाथों से बच्चों को टॉफी खिलाई।यहाँ पर एमडीएम की खिचड़ी और चोखा बना हुआ था जिसे जिलाधिकारी ने स्वयं चखा। यहाँ पर चापाकल के पानी की जाँच करा लेने का निदेश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया।

जिलाधिकारी ने बच्चों के बैठने के लिए टेबल-बेंच की व्यवस्था कराने का निदेश प्रधानाध्यापक एवं ग्रामपंचायत के मुखिया को दिया। जिलाधिकारी ने हरपुर मुकुन्द पासवान टोला स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या 107 का निरीक्षण किया।यहाँ 40 में से 25 बच्चें उपस्थित पाये गये।यहाँ पर बच्चों का नियमित हाईट मापने,चमकी बुखार की जानकारी देने, सभी को टीका पड़ता है।कि नहीं तथा टीएचआर वितरण की जानकारी प्राप्त की और प्रखंड विकास पदाधिकारी को बच्चों की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन करा लेने का निदेश दिया।जिलाधिकारी द्वारा वार्ड सं०-04 स्थित प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र को भी देखा गया।यह उप स्वास्थ्य केन्द्र निजी मकान में संचालित था जिस पर सिविल सर्जन से जिला में निजी भवन में संचालित स्वास्थ्य उपकेन्दों की सूची की माँग की गयी। रास्ते में सीताराम राम नामक व्यक्ति का घर मिला।उनसे से पुछने पर बताया गया कि उन्हें इन्दिरा आवास मिला हुआ है। राशन कार्ड भी है परन्तु जिलाधिकारी ने देखा उनके यहाँ दो मोटरसाईकिल लगी हुयी थी जो सीताराम राम की ही थी।इस पर जिलाधिकारी के द्वारा आवास सहायक को बुलाया गया जो वहाँ उपस्थित नहीं थे।इस पर जिलाधिकारी के द्वारा इसकी जाँच कराने का निदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी राजापाकर को दिया गया।