जेई टीकाकरण शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश, 30 अप्रैल तक लक्ष्य
सिवान:जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। जिले में 9 माह से 2 वर्ष तक के सभी बच्चों को जेई के दो टीके तय अंतराल पर दिए जाते हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित समीक्षात्मक बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय बैठक में टीकाकरण को शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। जिले में एईएस और चमकी बुखार के संभावित खतरे को देखते हुए टीकाकरण को मजबूत करने की जरूरत है। सभी छूटे हुए लाभार्थियों को चिन्हित कर 30 अप्रैल 2025 तक शत-प्रतिशत टीकाकरण पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

यूनिसेफ के एसएमसी कामरान अहमद ने बताया कि बैठक में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए बीएमसी के साथ विस्तृत चर्चा हुई। जिन क्षेत्रों में टीकाकरण कम हुआ है, वहां विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जागरूकता अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं। अब तक जेई-1 के तहत 96 प्रतिशत यानी 86,916 बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। वहीं, अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच जेई-2 के तहत 94 प्रतिशत बच्चों को टीका लगाया गया है। एक महीने के भीतर शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में डीआईओ डॉ. अरविंद कुमार, आईडीएसपी के डॉ. विकास कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी कामरान अहमद, अशोक कुमार शर्मा पप्पू सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मैरवा में पांच प्रखंडों के अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
मैरवा रेफरल अस्पताल में सुरक्षित मातृत्व और एईएस/जेई को लेकर पांच प्रखंडों- नौतन, दरौली, गुठनी, जिरादेई और मैरवा के स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। आईसीडीएस, जीविका, बीएचएम, बीसीएम और जिला विक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने भी प्रशिक्षण लिया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रवि प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण में डीवीबीडीसीओ डॉ. ओपी लाल, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ कुंदन कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी राजेश कुमार तिवारी और अमितेश कुमार ने संयुक्त रूप से प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर पांचों स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी, आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका, जीविका के बीपीएम, शिक्षा विभाग के बीआरपी और जिला विक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारी व कर्मी मौजूद रहे।