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गड़खा में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सार्थक बनाने के लिए किया जा रहा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का गठन

गरखा ब्लॉक स्थित राज सादपुर पंचायत अंतर्गत फुलवरिया गांव में फाइलेरिया के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का हुआ गठन:

पीएसजी के सदस्यों को फाइलेरिया के संबंध में दी गई जानकारी:

सदस्यों को बताई गई पीएसजी की महत्ता:

सारण(बिहार)जिले के लोगों को फाइलेरिया को लेकर जागरुक करने में स्वयं फाइलेरिया के मरीज ही आगे आ रहे हैं। जिसके तहत गांव और पंचायत स्तर पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का गठन कर फाइलेरिया के मरीजों को शामिल किया जा रहा है। जो सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपने गांव और मोहल्ले में लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक कर रहे हैं। इस क्रम में बीते दिन गरखा ब्लॉक स्थित राज सादपुर पंचायत अंतर्गत फुलवरिया गांव में फाइलेरिया के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का गठन हुआ। जिसमें गांव के फाइलेरिया के हाथीपांव मरीजों को शामिल किया गया। जिसमें सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई। उन्हें बताया गया कि वो अपने क्षेत्र में फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान कर उनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को प्रदान करेंगे। वहीं, फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान लोगों को दवाओं के साथ साथ मच्छरों से बचाव की भी जानकारी दी जाएगी। इस क्रम में सर्व सम्मति से पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का नाम फुलवरिया फाइलेरिया सहायता समूह रखा गया।

बैठक के दौरान आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी कुमारी ने पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सार्थक बनाने के लिए इस ग्रुप का गठन किया गया है। ताकि, सभी लोगों तक फाइलेरिया की जांच, इलाज और बचाव की जानकारी पहुंचाई जा सके। जिससे फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन सहभागिता बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक मच्छरजनित रोग है। इसका कोई समुचित इलाज नहीं। लेकिन कुशल प्रबंधन व प्रभावित अंगों की समुचित देखरेख से इससे होने वाली जटिलताओं से बहुत हद तक बचा जा सकता है। वर्ष 2027 तक देश को पूरी तरह फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। लिहाजा इस दिशा में हर स्तर पर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि इस उपेक्षित बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।इसमें जब तक सामुदायिक स्तर पर एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण नहीं चलाया जाएगा, तब तक इस लाइलाज बीमारी को खत्म नहीं किया जा सकेगा।

एमएमडीपी की दी जाएगी जानकारी :
आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को आगामी बैठकों में स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) की जानकारी दी जाएगी। जिसमें हाथीपांव के मरीजों को एमएमडीपीे कीट के इस्तेमाल और हाथीपांव से प्रभावित अंगों के रख रखाव के साथ साथ नियमित रूप से साफ-सफाई, दैनिक व्ययाम एवं आवश्यक दवाइयों के उपयोग की भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मरीजों के बेहतर उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जहां पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य सामूहिक या व्यक्तिगत रूप से चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं। चिकित्सकों के परामर्श के बाद अस्पताल में ही मरीजों को आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया के उपचार हेतु सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ताकि मरीजों को समय पर आवश्यक लाभ उपलब्ध हो सके।
बैठक में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के जिला समन्वयक बिनोद श्रीवास्तव, सीएफएआर के प्रखंड समन्वयक नवीन कुमार, आशा कार्यकर्ता आशा देवी के अलावा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के नए सदस्य शामिल हुए।