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एमडीए अभियान को नेटवर्क सदस्यों का मिल रहा सार्थक सहयोग

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा पूरी तन्मयता से एमडीए राउंड में खिलाई जा रही दवा: सिविल सर्जन

27 सितंबर तक जिले के 12 लाख 80 हजार लोगों को खिलाई गई है एमडीए की दवा:

नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को दवा खाने के लिए किया जा रहा है प्रेरित: डीएमओ

नेटवर्क सदस्यों ने दवा खाने से इनकार करने वालों को प्रेरित कर खिलाई दवा: एमओआईसी

फाइलेरिया को बढ़ने में रोकने को दवा सेवन एवं विशेष रूप से सफाई एकमात्र उपाय: नेटवर्क सदस्य

पूर्णिया(बिहार)जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान जारी है। कार्यक्रम के दौरान कसबा, के.नगर, पूर्णिया पूर्व प्रखंड नेटवर्क सदस्यों की उपस्थिति में लोगों को दवा खिलाई जा रही है। वहीं दवा खाने से इनकार करने वालों को नेटवर्क सदस्य के समझाने के बाद आशा कार्यकर्ता के सहयोग से दवा खिलायी जा रही है। सिविल सर्जन डॉ.अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में फाइलेरिया को जड़ से मिटाने में शत- प्रतिशत सफ़लता हासिल करने के लिए पदाधिकारियों के द्वारा लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा पूरी तन्मयता से एमडीए की गोली खिलाई जा रही है। सभी स्वास्थ्यकर्मी एकजुट होकर लगे हुए हैं ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो। सिविल सर्जन ने बताया कि 27 सितंबर तक जिले में 12 लाख 80 हजार लोगों को एमडीए की दवाई खिलाई गई है।

नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को दवा खाने के लिए किया जा रहा है प्रेरित: डीएमओ
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि भारत सरकार एवं बिहार सरकार लिम्फेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) के उन्मूलन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। क्योंकि हाथीपांव एवं हाइड्रोसील फाइलेरिया के संक्रमण से होने वाले दुष्प्रभाव हैं। इस तरह के व्यक्तियों को भी साल में एक बार ही भारत सरकार के गाइडलाइन के आधार पर फाइलेरियारोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवर मैकटिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करना पर्याप्त है। विगत 20 सितंबर से जारी एमडीए अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ के नगर, कसबा एवं पूर्णिया पूर्व प्रखंड के नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने और दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

नेटवर्क सदस्यों ने दवा खाने से इनकार करने वालों को प्रेरित कर खिलाई दवा: एमओआईसी
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरद कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रखंड अंतर्गत बेलौरी पंचायत के आग टोला गांव के लाभुकों ने फाइलेरियारोधी दवाओं के सेवन करने से इंकार कर दिया था, लेकिन भ्रमणशील टीम में शामिल आशा कार्यकर्ता पंचों देवी एवं आगा टोलाफाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) के सदस्य नरेश उरांव के सहयोग से लाभुकों को प्रेरित कर दवा खिलाई गई। जब तक दवा खिलाई नहीं गई तब तक नेटवर्क सदस्य नरेश उरांव, इंकार कर रहे लाभार्थियों को प्रेरित करने में जुटे रहे। दवा का सेवन कराने के दौरान वे स्थानीय लोगों की भीड़ में फाइलेरियारोधी दवाओं का लाभ एवं नहीं खाने के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देते रहे।

एमडीए में मिला नेटवर्क सदस्यों का सहयोग: स्वास्थ्यकर्मी
एमडीए कार्यक्रम में कस्बा प्रखंड के बीसीएम उमेश पंडित ने बताया कि इस बार एमडीए अभियान में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का भरपूर सहयोग मिला है। पूर्व के दिनों में जब वो क्षेत्र में दवा खिलाने के लिए जाते थे, तब कई लोग दवा खाने से मना कर देते थे। काफी समझाने के बावजूद भी ग्रामीण दवा खाने के लिए राजी नहीं होते थे। लेकिन इस बार एमडीए अभियान में पीएसजी सदस्यों का साथ अभियान की सफलता का मुख्य कारण रहा है। जहां पर भी लोग दवा खाने में आनाकानी कर रहे थे वहां पीएसजी के सदस्यों द्वारा किसी तरह प्रेरित कर फाइलेरिया की जानकारी देने के साथ ही ग्रामीणों को दवाओं का सेवन कराया गया है।

फाइलेरिया को बढ़ने में रोकने को दवा सेवन एवं विशेष रूप से सफाई एकमात्र उपाय: नेटवर्क सदस्य
जिले के के नगर  प्रखंड के स्थानीय नेटवर्क सदस्य छोटू पासवान ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जब भी मौसम में बदलाव होता, उस दौरान उनकी परेशानी काफ़ी बढ़ जाती है। यदि, उन्हें शुरुआती दौर में ही फाइलेरिया की जानकारी होती तो शायद आज उन्हें इस परेशानियों से जूझना नहीं पड़ता। एक बार जब फाइलेरिया बीमारी के कारण हाथीपांव या हाइड्रोसील में सूजन हो जाती, तब उसका कोई मुकम्मल इलाज नहीं है। लेकिन हां, नियमित दवाओं के सेवन और साफ सफाई मात्र से इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने लाभुकों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी को फाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। ताकि माइक्रो फाइलेरिया के परिजीवी होने से उनको नष्ट किया जा सकता है।