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सारण के ग्रामीण इलाकों में कार्य करने के लिए नवनियुक्त आशा कार्यकर्ताओं को किया गया प्रशिक्षित

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा आयोजित आठ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन:

नवनियुक्त आशा कार्यकर्ताओं को आगामी 10 फरवरी से होने वाले आईडीए अभियान से संबंधित दी गई जानकारी:

आशा कार्यकर्ताओं को नई- नई तकनीकी उपकरणों से जुड़ना होगा: आरपीएम

बच्चों के शारीरिक विकास, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान करने में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका: आशा समन्वयक

सारण(बिहार)ग्रामीण इलाकों के बच्चों और शिशुओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की देखभाल और नियमित रूप से जांच, प्रसव सहायता, मातृ और शिशु स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरूक करना, परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराने सहित संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभियान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गोपालगंज जिले के 32 आशा कार्यकर्ताओं को क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सारण के द्वारा सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम के सभागार में प्रशिक्षित किया गया है। जिसमें उचकागांव से 17 जबकि बैकुंठपुर प्रखंड से 15 आशा कार्यकर्ता शामिल हुईं। शुक्रवार को आठ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन सभी नवनियुक्त आशा कार्यकर्ताओं को आईडीए के दौरान खिलाई जाने वाली दवा से संबंधित जानकारी देने के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक विजय कुमार राम, प्रशासनिक कर्मी मनोज कुमार के अलावा सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य उपस्थित थे। जबकि प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में साधना कुमारी, अनुज कुमार गुप्ता और अरुण कुमार सिंह ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया है।

आशा कार्यकर्ताओं को नई- नई तकनीकी उपकरणों से जुड़ना होगा: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक (आरपीएम) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद सभी प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में घर-घर जाकर छोटे-छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित देखभाल करेंगी। सभी आशा कार्यकर्ताओं को गृह भ्रमण के दौरान टीबी, फाइलेरिया, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), एचबीएनसी और एनसीडी को लेकर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। मालूम हो कि आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित सभी कार्यों को को अश्विन पोर्टल पर अपलोड करना होता है। जिसके लिए आप सभी आशा कार्यकर्ताओं को नई- नई तकनीकी उपकरणों से जुड़ना होगा। ताकि अपने कार्यों को शत-प्रतिशत पूरा कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें। आशा कार्यकर्ताओ के द्वारा सामुदायिक स्तर पर समुदाय को संगठित कर आंगनबाड़ी केंद्र या ग्रामीण इलाकों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं तक पहुंच बनाकर सुविधाएं प्रदान कराती हैं।

बच्चों के शारीरिक विकास, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान करने में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका: आशा समन्वयक
क्षेत्रीय आशा समन्वयक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं को गृह आधारित देखभाल से संबंधित आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। जिसमें बताया गया कि गृह भ्रमण के तहत छोटे- छोटे बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित देखभाल कैसे करनी है। किन-किन बातों का ख्याल रखना है। वहीं बच्चों के स्वास्थ्य और मजबूत शरीर निर्माण को लेकर माता-पिता को आवश्यक जानकारी दी गई तो बच्चों के शारीरिक विकास, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की पहचान करने सहित बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका से संबंधित आशा कार्यकर्ताओं को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी आशा कार्यकर्ता अपने कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन कर बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित कर सकें।