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फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए कटिहार के चार प्रखंडों में चल रहा नाईट ब्लड सर्वे

  • फाइलेरिया जांच के लिए स्थानीय लोगों का लिया जा रहा ब्लड सैंपल
  • नेटवर्क मेंबर के सहयोग से लोगों को नाईट ब्लड सर्वे के लिए किया जा रहा जागरूक
  • मच्छरों के काटने से होता है फाइलेरिया
  • सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है एमडीए कार्यक्रम

कटिहार(बिहार)फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामान्य लोगों में फाइलेरिया की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के चार प्रखंडों में नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस दौरान संबंधित प्रखंडों के चिह्नित स्थलों पर कैम्प आयोजित कर रात 08 बजे से 12 बजे तक स्थानीय लोगों की ब्लड सैंपल ली जा रही है। सभी ब्लड सैंपल की अस्पताल में जांच करते हुए संबंधित क्षेत्र में माइक्रो फाइलेरिया दर का अनुमान लगाया जाएगा। माइक्रो फाइलेरिया दर से यह मालूम किया जाएगा कि संबंधित क्षेत्र में फाइलेरिया प्रसार कितना है। इसके अनुसार उक्त क्षेत्र फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। चार प्रखंड में शामिल कटिहार सदर, दंडखोरा, समेली व आजमनगर में नाईट ब्लड सर्वे 27 अक्टूबर से संचालित किया जा रहा है ,जो 11 नवंबर तक चलाया जाएगा।

नाईट ब्लड सर्वे अभियान में ब्लड लेते स्वास्थ्यकर्मी

फाइलेरिया जांच के लिए स्थानीय लोगों का लिया जा रहा ब्लड सैंपल :

कटिहार भीडीसीओ एन के मिश्रा ने बताया चार प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में फाइलेरिया प्रसार की पहचान के लिए स्थानीय लोगों का एक बूंद ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। ये ब्लड सैंपल रात में ही लिया जा सकता है क्योंकि इसी समय खून में शामिल फाइलेरिया कीटाणु की पहचान हो सकती है। इसके लिए सभी प्रखंडों में तीन चरण चलाया जा रहा है जिस दौरान संबंधित प्रखंड के 03 अलग अलग पंचायत में लोगों का ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। तीनों चरण में एक-एक पंचायत से कम से कम 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। इससे उस क्षेत्र में फाइलेरिया प्रसार की पहचान की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में चारों प्रखंडों से 1200 ब्लड सैंपल लिया जा चुका है जबकि दूसरे चरण में अबतक 650 ब्लड सैंपल लिया गया है।

नेटवर्क मेंबर के सहयोग से लोगों को नाईट ब्लड सर्वे के लिए किया जा रहा जागरूक :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे के लिए रात में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प लगाकर लोगों का ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। इसके लिए लोगों को पहले से ही जागरूक होना आवश्यक है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग आकर अपना ब्लड सैंपल दे सकें। लोगों को इसके लिए जागरूक करने में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप में शामिल नेटवर्क मेंबर द्वारा विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है। नेटवर्क मेंबर में शामिल लोग खुद फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं जो अस्पताल से लिंकअप होने के कारण समय समय पर अस्पताल से आवश्यक दवाई व सेल्फ केयर की जानकारी लेते रहते हैं। अन्य लोगों को फाइलेरिया नहीं हो सके इसके लिए लोगों का नाईट ब्लड सर्वे में भाग लेकर उनके क्षेत्र में फाइलेरिया प्रसार की जानकारी देने में सहयोग करने के लिए नेटवर्क मेंबर्स द्वारा जागरूक किया जा रहा है। नेटवर्क मेंबर्स के जागरूक करने से ज्यादा से ज्यादा लोग नाईट ब्लड सर्वे में शामिल हो रहे हैं जिससे कि अभियान को विशेष गति मिल रही ।

मच्छरों के काटने से होता है फाइलेरिया :

बरारी प्रखंड के नेटवर्क मेंबर उपेंद्र प्रसाद महतो ,जो 15 साल से फाइलेरिया ग्रसित हैं के द्वारा समेली प्रखंड के लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही है। नाईट ब्लड सर्वे के लिए चिह्नित स्थलों पर लोगों को जागरूक करते हुए उपेंद्र प्रसाद महतो बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति फाइलेरिया से ग्रसित हो सकता है। फाइलेरिया बीमारी एक मच्छर के काटने से होने वाला रोग है जो लोगों को ग्रसित होने के 5 साल से ज्यादा समय बाद पता चलता है। एक बार यदि लोग फाइलेरिया ग्रसित हो गए तो उनका कोई इलाज नहीं हो सकता। फाइलेरिया ग्रसित होने के बाद अस्पताल से नियमित दवाई और घर में एक्सरसाइज करने से फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रखा जा सकता है। लोगों को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े इसके लिए ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की पहले से जांच की जाती है। संबंधित क्षेत्र में फाइलेरिया की संभावना होने पर वहां आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाती है। जिससे कि लोग फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रह सकें।

सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है एमडीए कार्यक्रम :

डंडखोरा प्रखंड में नाईट ब्लड सर्वे के लिए लोगों को जागरूक करते हुए नेटवर्क मेंबर गुरुदेव रजक बताते हैं कि इस सर्वे के बाद अगर संबंधित क्षेत्र में फाइलेरिया का प्रसार पाया जाता है तो क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें सभी लोगों को स्थानीय आशाकर्मियों द्वारा घर घर जाकर डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाती हैं। इससे लोगों के फाइलेरिया ग्रसित होने की संभावना खत्म हो जाती और लोग फाइलेरिया से सुरक्षित रह सकते हैं। इसलिए सभी लोगों को नाईट ब्लड सर्वे में भाग लेकर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने में आवश्यक सहयोग करना चाहिए।