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पूर्णिया के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर निक्षय दिवस का हुआ आयोजन

टीबी उन्मूलन अभियान को जन आंदोलन का रूप देने का हो रहा प्रयास: सिविल सर्जन

टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाती है आर्थिक सहायता: सीडीओ

स्थानीय स्तर पर टीबी मरीजों के बीच चलाया गया जागरूकता अभियान: एमओआईसी

आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर संभावित टीबी मरीजों को किया जाता है चिह्नित: बीएचएम

पूर्णिया(बिहार)राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सोमवार को जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि टीबी उन्मूलन अभियान की शत- प्रतिशत सफ़लता के लिए हम सभी को साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। उसके बाद ही 2025 तक टीबी मुक्त अभियान का संकल्प पूरा हो सकता है। क्योंकि प्रधानमंत्री का सपना है कि आने वाले दिनों में देश के किसी भी हिस्से में एक भी टीबी मरीज नहीं हो। इसके लिए टीबी मुक्त अभियान को जनांदोलन के रूप में लेकर चलाना होगा। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक महीने निर्धारित 16 तारीख को सभी वेलनेस सेंटरों पर निक्षय दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

निक्षय दिवस के अवसर पर पूर्णिया पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत रानी पतरा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के सभागार में टीबी मरीजों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, डॉ आर एन चौधरी, बीएचएम विभव कुमार, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, जीएनएम अभिषेक गुप्ता, टीबी एलटी सरिता सुमन, एएनएम मीना रानी दास, बबिता कुमारी और पूजा कुमारी, फार्मासिस्ट शेखर कुमार, योगा प्रशिक्षक दीपक कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाती है आर्थिक सहायता: सीडीओ
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मिहिरकांत झा ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर विभाग बेहद सक्रिय है। जिले में संभावित मरीजों की खोज को लेकर ग्रामीण स्तर पर आवश्यक दिशा निर्देश जिले के सभी अधिकारियों को दिया गया है। हालांकि टीबी मरीजों की सुविधा को लेकर सरकार द्वारा कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। टीबी मरीजों को प्रत्येक महीने निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं सक्षम व्यक्ति, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को जरूरतमंद मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सभी अधिकारियों को नियत समय पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, मरीजों का फॉलोअप व उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने को कहा गया है।

स्थानीय स्तर पर टीबी मरीजों के बीच चलाया गया जागरूकता अभियान: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरद कुमार ने कहा कि स्थानीय अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र सहित क्षेत्र के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा पोषक क्षेत्र के लोगों को यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी रोग के कारण, लक्षण, इससे बचाव सहित उपचार से संबंधित कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। साथ ही टीबी रोगियों के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक भी किया गया। क्योंकि सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी द्वारा टीबी उन्मूलन अभियान को जनआंदोलन का रूप देने के लिए विभागीय स्तर पर आवश्यकता अनुसार दिशा निर्देश मिला हुआ है। जिसके आलोक में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर संभावित टीबी मरीजों को किया जाता है चिह्नित: बीएचएम
पूर्णिया पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएचएम विभव कुमार ने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा समय तक खांसी होना,खांसी के दौरान कफ के साथ खून का आना, लगातार वजन कम होना, भूख ना लगना, रात को पसीना आना जैसे – टीबी रोग से जुड़े सामान्य लक्षण हैं। इस तरह का कोई लक्षण दिखने पर व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच कराना जरूरी होता है। ताकि उनका समुचित इलाज संभव हो सके। इसके लिए क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से डोर टू डोर भ्रमण कर संभावित टीबी मरीजों को चिह्नित करने के बाद उन्हें जांच व इलाज के लिए प्रेरित किया जाता है।